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ट्रेन की सीट कन्फर्म के चक्कर में IRCTC को ट्वीट करना पड़ा भारी, महिला के अकाउंट से कट गए 64 हजार रुपये, जानिए पूरा मामला

मुंबई 03 दिसंबर 2022: इंटरनेट और सोशल मीडिया का लोगों को कई तरह से फायदा होता है। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोग अपने आवाज को बड़ी आबादी तक पहुंचा पाते हैं। इतना ही नहीं कई लोग अपने आसपास हो रही दिक्कतों को भी पब्लिक डोमेन में आसानी से उठा पाते हैं। सोशल मीडिया का फायदा लोगों को ही नहीं मिल रहा है, बल्कि स्कैमर्स भी इन प्लेटफॉर्म्स पर अपना टार्गेट खोजते हैं।

ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमें हैकर्स ने एक महिला के 64,000 रुपये चुरा लिए। इस महिला ने सोशल मीडिया पर अपने अपकमिंग ट्रेन टिकट की डिटेल्स शेयर की थी। विले पार्ले मुंबई की एक निवासी से कथित तौर पर 64,000 रुपये गंवा दिए। इस बात की शिकायत महिला ने IRCTC पर की। एक रिपोर्ट के अनुसार, एमएन मीणा ने 14 जनवरी को भुज जाने के लिए आईआरसीटीसी साइट पर तीन टिकट बुक किए थे। हालांकि, सीट्स सारी बुक हो चुकी थीं। ऐसे में उन्हें RAC सीट मिली। महिला इस बात को लेकर कंफ्यूज थीकि उसका टिकट कंफर्म होगा या नहीं, इसलिए उसने ट्रेन टिकट की डिटेल्स और मोबाइल नंबर ट्विटर पर पोस्ट किया और आईआरसीटीसी से मदद मांगी।

कुछ देर के बाद महिला के पास फोन आया है और उसने खुद को आईआरसीटीसी के ग्राहक सहायता अधिकारी बताया। फोन महिला के बेटे ने उठाया था तो उस हैकर ने महिला के फोन पर एक लिंक भेजा और उसे 2 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा।

मीना और उनके बेटे दोनों ने सोचा कि आईआरसीटीसी ने उनसे संपर्क किया था क्योंकि उन्होंने ट्विटर पर अपनी शिकायत पोस्ट की थी। बिना ज्यादा सोचे-समझे, उसके बेटे ने फोन भर दिया और 2 रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद उन्हें अपने अकाउंट से बैक-टू-बैक पेमेंट्स के अलर्ट मिले। इस तरह से उनके अकाउंट से 64,011 रुपये चुरा लिए गए।

महिला ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे बेटे ने कॉल करने वाले पर पूरा विश्वास किया क्योंकि उन्होंने आईआरसीटीसी के ट्विटर पेज पर शिकायत की थी। कॉल करने वाले ने दावा किया कि वह आईआरसीटीसी के कस्टमर केयर से था और उसने हमारे टिकट को कंफर्म कराने का वादा किया। उसके कहने पर 2 रुपये का भुगतान किया और फिर हमारे अकाउंट से 64,011 रुपये निकल गए।”

पुलिस के मुताबिक, हैकर्स ने फिशिंग लिंक के जरिए मीना के बैंक खाते और यूपीआई सिक्योरिटी कोड की जानकारी चुरा ली और उसके बाद इस घटना को अंजान दिया।

कैसे उड़ा लिए पैसे?
क्योंकि एमएन मीणा ने अपना मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इसके जरिए ही हैकर्स या फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और एक फिशिंग लिंक भेजा और भरोसे में लेकर उस पर पेमेंट करने को कहा। ये एक तरीके का फिशिंग लिंक था जिस पर पैसे भेजते ही फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उनकी बैंक अकाउंट डीटेल्स चुरा ली और एकाउंट से 64,000 रुपये उड़ा लिए। ध्यान दें, कभी भी कोई संस्था या कंपनी आपसे आपका निजी विवरण नहीं मांगती है और न ही लेन-देन की गुजारिश करती है।

क्या है फिशिंग?
फिशिंग डिजिटल अटैक का एक तरीका है जिसमें फ्रॉड करने वाले लोग खुद को विश्वसनीय सोर्स बताकर लोगों को ई-मेल, मैसेज, या कोई लिंक भेजते हैं और आपकी निजी जानकारी आपको भरोसे में लेते हुए चुरा लेते हैं।

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