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गजब हो गया ! …रायता पीकर 500 से ज्यादा लोग पहुंच गये हैं रेबीज का इंजेक्शन लगवाने……कुत्ते के काटने से हुई थी भैस की मौत, उसी दूध के मठे से तैयार हुआ था रायता….जमकर हुआ बवाल

ग्वालियर 26 मार्च 2022। एमपी वाकई में “अजब है”। ग्वालियर में कुत्ते के काटने से भैस की मौत हुई तो 500 से ज्यादा लोग रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए हॉस्पीटल में टूट पड़े। ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने उसी भैस के दूध से बनी दही के रायते को खाया था। इस मामले में डाक्टरों ने जब रेबीज का इंजेक्शन लगाने से रोका तो ग्रामीण एसडीएम के पास शिकायत लेकर पहुंच गये।

मामला डबरा के चांदपुर गांव का है, जहां 2 दिन पहले सामूहिक भोज में करीब 700 लोगों का खाना बना था। खाने के साथ रायते का भी प्रबंध था, लोगों ने खाना खाने के बाद छककर रायता भी पीया। उसके अगले ही दिन भैस की मौत हो गयी। आशंका थी कि भैस की मौत कुत्ते के काटने से हुई है। फिर क्या था किसी ने ग्रामीणों में भ्रम फैला दी कि कुत्ते के काटने से भैस की मौत हो सकती है, तो भैस के दूध से बने दही के रायते से हमें भी रेबीज हो सकता है। देखते ही देखते ग्रामीण अस्पताल में टूट पड़े।

चांदपुर गांव में एक गमी का आयोजन था। इसमें दतिया ज़िले के पाली गांव से मंगाए गए मट्ठे का रायता बनाया गया था। कार्यक्रम में करीब 700 लोगों ने रायता खाया था। उस समय तक तो सब ठीक था। लोगों ने रायता मजे से खाया, लेकिन तभी सूचना मिली कि जिस भैंस के दूध से यह मठा और रायता बना है उसकी मौत हो गई है। ग्रामीणों में कुत्ते के काटने से भैंस की मौत की खबर के बाद हड़कंप मच गया। 500 से अधिक ग्रामीण सिविल अस्पताल डबरा पहुंचे। एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने की होड़ में लाइनें लगाकर खड़े हो गए हैं। कई को इंजेक्शन लगा तो कई रह गए। डाक्टर्स ने जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों से मना किया तो वह SDM के पास पहुंच गए।  डबरा से भी डॉक्टर लेकर चांदपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों को समझाया कि दूध पीने या रायता खाने से रेबीज जैसी बीमारी नहीं फैलती है। 

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