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जशपुर DEO विवाद : आज हो सकता है विवाद का पटाक्षेप, JD हेमंत उपाध्याय बोले- ‘जो हुआ वो गलत, शासन के निर्देश का पालन करना होगा’

जशपुर 18 अक्टूबर 2022। जशपुर के DEO विवाद में अब ट्विस्ट आ गया है। जशपुर DEO प्रकरण में विभाग की तरफ से आज सख्त निर्देश जारी हो सकता है। खबर है कि राज्य सरकार के निर्देश पर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज लेने वाली मधुलिका तिवारी ही DEO के पद पर काम करेगी। पिछले दो दिनों में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जो प्रकरण हुआ, उससे उच्च अधिकारी काफी नाराज बताये जा रहे हैं। इधर विवाद के बाद सोमवार को दोनों डीईओ में से कोई भी डीईओ अपने चैंबर में मौजूद नहीं रहे।

इस मामले में NW न्यूज 24 से बात करते हुए संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय ने साफ कहा कि शासन के निर्देश पर मधुलिका तिवारी को प्रभारी DEO बनाया गया है, ऐसे में किसी को ये अधिकार नहीं है कि प्रभार को शून्य करें। हेमंत उपाध्याय ने कहा कि प्रभार को लेकर किसी नियम का उल्लंघन हो रहा है तो उसकी विभागीय प्रक्रिया है।आपको बता दें कि सोमवार को संयुक्त संचालक की व्यस्तता की वजह से इस मामले में कोई फैसला नहीं हो सका, लिहाजा मंगलवार को इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो जायेगा।

दरअसल जशपुर में DEO की कुर्सी को लेकर विवाद चल रहा है। राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह कई DEO के तबादले किये थे। जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद की जगह प्रभारी डीईओ के तौर पर मधुलिका तिवारी को जशपुर में पोस्टिंग की गयी थी। लेकिन विवाद तब गहरा गया, जब मधुलिका तिवारी के प्रभार को जेके प्रसाद ने एक आदेश जारी कर मधुलिका तिवारी के कार्यभार ग्रहण और प्रभार को शून्य कर दिया।

मामला 14 अक्टूबर का है, जब डीईओ जेके प्रसाद छुट्टी पर थे, उसी दिन मधुलिका तिवारी ने जशपुर आकर ज्वाइनिंग ले ली। 15 अक्टूबर को जब जेके प्रसाद जब आफिस पहुंचे तो उन्हें कार्यमुक्त किया जा चुका था, ऐसे में उन्होंने दोबारा से कार्यभार ले लिया और फिर नवनियुक्त डीईओ के आदेश को शून्य घोषित कर दिया। उन्होंने इस मामले में वरिष्ठता को आधार बनाया है। उन्होंने शासन के नियमों का हवाला देते हुए लिखा है कि सीनियर पद पर कनिष्ठ अधिकारी को प्रभार नहीं दिया जा सकता। इस मामले को लेकर जेके प्रसाद ने पिंगुआ कमेटी के सामने भी अपील की बात कही है।

इस पूरे विवाद को लेकर NW न्यूज 24 से बात करते हुए संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय ने कहा कि …

जशपुर में जो कुछ हुआ, वो परिस्थिति नहीं होनी चाहिये थी, ये गलत परंपरा है कोई एक प्रभार ले, दूसरा उसका प्रभार शून्य कर दे, हर चीज की एक प्रक्रिया होती है। शासन के निर्देश पर कोई अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है, शासन के नियम का हर किसी को पालन करना चाहिये, जहां तक प्रभार को लेकर आपत्ति का सवाल है तो उसकी एक प्रक्रिया है, उस प्रक्रिया में फैसला जिसके पक्ष में होगा, उस लिहाज से कार्रवाई होगी।

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