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CG- बालकों प्लांट में प्रशासन की संयुक्त टीम का छापा, ओव्हर कोल स्टॉक के साथ मिली गंभीर अनियमितता, हापड़ कंट्रोल रूम सहित सैम्पलिंग रूम सील !

कोरबा 22 अप्रैल 2022 । जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बालको संयंत्र में छापामार कर बड़ी कार्रवाई की हैं। यहां 1200 मेगावाट सहित 540 मेगावाट संयंत्र में ओव्हर कोल स्टॉक मिलने के साथ ही पर्यावरण व परिवहन नियमों की अनदेखी कर गंभीर अनियमितता मिलने पर बालको के 2 सेम्पलिंग रूम सहित हापड़ कंट्रोल रूम को सील कर दिया है। संयुक्त टीम में माईनिंग के साथ ही पर्यावरण, उद्योग और परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

गौरतलब ह कि बालको प्रबंधन अपनी मनमानियों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहता आया है। फिर चाहे संयंत्र से निकलने वाले राख का मामला हो, या पर्यावरण प्रदूषण को लेकर नियमों को ताक पर रखकर संयंत्र संचालित करने का ही क्यों ना हो। बालकों की इस मनमानी की शिकायत पर गुरूवार को जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की और संयंत्र का जांच किया गया। मौके पर खनिज विभाग के साथ ही पर्यावरण, उद्योग विभाग सहित परिवहन विभाग के अफसर बालको के 1200 और 540 मेगावाट संयंत्र की जांच शुरू की गयी। खनिज विभाग की जांच में मौके पर रखे कोल स्टॉक और दस्तावेजों के परीक्षण में कोयले का ओव्हर स्टॉक संयंत्र में मिला, जिसके दस्तावेज प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत नही किया जा सका।

वही बालकों संयंत्र में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के जांच में संयंत्र से सल्फर डाई आक्साईट का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा मिला। प्लांट के अंदर टैंक में कोल डस्ट पाया गया। परिवहन व पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने संयंत्र मे बगैर तिरपाल ढके वाहनों में राखड़ का परिवहन करते गाड़ियों को पकड़ा गया, जो कि पर्यावरण के साथ ही मानव जीवन के लिए काफी खतरनाक हैं। बालकों संयंत्र में खुलेआम हो रहे निमयों के उल्लंघन पर संयुक्त टीम ने प्लांट के हापड़ कंट्रोल रूम के साथ ही 2 सैम्पलिंग रूम और टीपर स्टेशन को सील कर दिया है, वही परिवहन विभाग ने एक पोकलेन मशीन को जब्त करने की कार्रवाई की है।

जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बालको प्रबंधन को नोटिस जारी कर दस्तावेजों के साथ ही जवाब मांगा है। वही समय पर जवाब नही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद जहां बालकों प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ हैं, वही जिला प्रशासन पर्यावरण प्रदूषण सहित बालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने को लेकर एक्शन मोड पर है। ऐसे में उम्मींद जताई जा रही है कि समय रहते संतोषजनक जवाब नही मिलने पर प्रशासन की ओर से बालको के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई हो सकती हैं।

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