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कर्नाटक का CM कल होगा तय, बीजेपी ने हार की स्वीकार, मुख्यमंत्री भूपेश बोले- देखिये बजरंग बली किसके साथ है..

बैंग्लुरू/रायपुर 13 मई 2023। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में सरकार बनायेगी। पार्टी 120 से ज्यादा सीटों पर आगे है। वहीं, बीजेपी 68 सीटों पर आगे है, जबकि जेडीएस तीसरे नंबर पर है। कांग्रेस ने बेंगलुरु के 5 स्टार हिल्टन होटल में 50 कमरे बुक किए हैं। जीते हुए विधायकों को रात 8 बजे तक होटल में पहुंचने के लिए कहा गया है। कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी।  10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों पर मतदान हुआ था। कांग्रेस में कर्नाटक की सरकार बनना लगभग तय माना जा रहा है. इसे देखते हुए पार्टी ने रविवार सुबह बंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक बुलाई है. कांग्रेस बैठक में सरकार बनाने को लेकर मंथन कर सकती है. विधायकों के लिए रिसॉर्ट भी बुक किए गए हैं.

कर्नाटक में एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते दिख रहे हैं. आठ अलग-अलग एग्जिट पोल एजेंसियों में से छह ने कांग्रेस की जीत का दावा किया था. इनके मुताबिक, कांग्रेस अपने दम पर या जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बना रही थी. ये दावे सही साबित होते दिख रहे हैं. बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक में अपनी हार स्वीकर कर ली है. बोम्मई ने कहा, “आगे के चुनाव अच्छे करने की कोशिश करेंगे. पार्टी को रीऑर्गेनाइज करेंगे. लोकसभा चुनाव मे कमबैक करेंगे. हमें फाइनल नतीजों का इंतजार है और हम आगे के चुनाव अच्छे करने की कोशिश करेंगे.”

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक हैं. प्रधानमंत्री ने खुद का चेहरा सामने रखकर वोट मांगे. तो इस तरह से ये प्रधानमंत्री की हार है. अब आप देख सकते हैं कि बजरंग बली किसके साथ हैं. बजरंग बली के गदा ने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है और बीजेपी का खात्मा हो गया. कर्नाटक में कांग्रेस को रुझानों में बहुमत मिलता देख पार्टी नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक में जो माहौल दिखा था, आज उसी का नतीजा कर्नाटक के चुनाव परिणाम में साफ देखा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने शानदार कैंपेन किया. कर्नाटक ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर विकास की राजनीति को चुना है. आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी इसकी पुनरावृत्ति होगी.

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