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पूर्व विधायक को आजीवन कारावास : मां-बेटी के चर्चित मर्डर केस में तीन बार के विधायक को आजीवन कारावास….दो अन्य मामले में 7-7 साल की सजा…. तत्कालीन एसपी संतोष सिंह ने किया था हत्याकांड का खुलासा

 रायगढ़ 2 अप्रैल 2022। रायगढ़ के चर्चित दोहरे मर्डर केस में पूर्व विधायक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चार साल पुराने केस में रायगढ़ की सेशन कोर्ट ने उड़ीसा में तीन बार के विधायक रहे अनूप साय को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। पूर्व विधायक को यह सजा अप्रैल 2016 में ब्रजराजनगर थाना क्षेत्र स्थित राजपुर गांव की कल्पना दास और उसकी बेटी बबली दास की हत्या करने और उसके बाद उनके शवों को रायगढ़ में फेंके जाने के मामले में मिली है। घटना के चार साल बाद इस घटना का तत्कालीन एसपी रहते संतोष कुमार सिंह ने खुलासा किया था।

मां-बेटी से इस मर्डर केस में पूर्व विधायक अनूप दास के खिलाफ चक्रधरनगर में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी। सेशन कोर्ट में चले इस मामले में पूर्व विधायक अनूप साय को आजीवन कारावास की सजा हुई है, वहीं इसी मामले में अनूप साय के ड्राइवर वर्धन टोप्पो को बरी किया गया है। रायगढ़ के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला के न्यायालय ने ये फैसला सुनाया वहीं शासन की ओर से लोक अभियोजक दीपक शर्मा ने पैरवी की।

बता दें कि 7 मई 2016 को चक्रधरनगर थाने के प्रभारी अमित पाटले को बंगुरसिया मार्ग पर संबलपुरी में स्थित शाकंबरी फैक्ट्री के नजदीक सड़क पर दो महिलाओं का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। गांव और फैक्ट्री कर्मियों से पूछताछ में शिनाख्त नहीं हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि पहले हत्या की गई फिर शवों को गाड़ी से कुचला गया। जांच में लगे अफसरों ने कॉल गर्ल विवाद में हत्या का अंदेशा जताया। तब जांच टीम ने 150 से अधिक कॉल, संदिग्धों से पूछताछ की, बाद में सुराग मिला। इसके बाद चक्रधर नगर पुलिस टीम ने साल 2020 में अनूप साय को गिरफ्तार कर लिया था। अनूप से पुलिस ने 18 घंटे तक पूछताछ की जिसमें हत्या की वजह सामने आई।

घटना को कबूल करते हुए बताया कि सन् 2004-05 में कल्पना दास को पति द्वारा छोड़े जाने के बाद उसके पिता उसे लेकर मेरे पास लेकर आए थे. कल्पना और उसके बीच प्रेम संबंध होने के बाद सन् 2011 में उसे भुवनेश्वर स्थित पत्नी के नाम बने मकान में रखता था. इस दौरान कल्पना शादी करने और मकान को अपने नाम पर करने तथा पैसा मांग कर ब्लैकमेलिंग कर रही थी.अनूप कुमार ने बताया कि ब्लैकमेलिंग से तंग आकर कल्पना और उसकी लड़की बबली को ठिकाना लगाने की योजना बनाई. इसके लिये 5 मई 2016 की रात दोनों मां-बेटी को भुनेश्वर से झारसुगुड़ा भेजा और स्वयं निजी वाहन से पीछे-पीछे झाड़सुगुड़ा रवाना हो गया. झारसुगडा के एक होटल में कल्पना एवं बबली को रूकवाने के बाद दूसरे दिन रायगढ़ में शादी करने का झांसा देकर अपने ड्राइवर के साथ गाड़ी में लेकर निकल गया.रायगढ़ में होटल नहीं मिलने पर हमीरपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रुकवाने की बात कहते हुए आरोपी ने मां-बेटी को हमीरपुर मार्ग पर मां शाकम्बरी प्लांट जाने के रास्ते पर उतार कर लोहे के राड से दोनों के सिर में वार कर हत्या कर दी. लाश को कच्ची सड़क पर फेंककर हत्या का सबूत छिपाने ड्राइवर बर्मन टोप्पो ने गाड़ी लाश के ऊपर कई बार चढ़ाकर वहीं छोड़कर वापस ओडिसा वापस लौट गए थे.

अनूप कुमार ब्रजराजनगर से तीन बार कांग्रेस से विधायक रहा। 2014 में उसने बीजेडी ज्वाइन कर ली। सत्ताधारी दल का नेता होने के कारण रायगढ़ पुलिस के पूछताछ के बुलावे (नोटिस) पर वह हाजिर नहीं हुआ। 2019 में ओडिशा विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बरगढ़ के बिजेपुर सीट से भी चुनाव लड़ा। अनूप को चुनाव प्रचार समिति को चेयरपर्सन बनाया गया। नवीन यहां से चुनाव जीते, हालांकि बाद में इस्तीफा दे दिया, लेकिन अनूप का राजनीतिक रसूख और भी बढ़ गया। अगस्त 2019 में अनूप कुमार को प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरपर्सन बनाया गया।

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