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CG NEWS : बड़ी खबर-प्रमोशन पर पंगा-बीज निगम में प्रबंध संचालक ने जारी किया प्रमोशन लिस्ट, चेयरमेन ने आदेश को कर दिया निरस्त, मामला पहुंचा हाई कोर्ट

रायपुर 24 सितंबर 2022। प्रदेश के बीज़ निगम में प्रमोशन को लेकर विभाग के संचालक और चेयरमेन आमने सामने आ गये हैं। बीज व कृषि विकास निगम में एक ओर जहां प्रबंध संचालक ने पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया गया। वही इस आदेश के सामने आने के बाद चेयरमैन ने आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया हैं। ऐसे में अब ये पूरा मामला हाई कोर्ट पहुंच गया हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य के बीज व कृषि विकास निगम में पदोन्नति के नाम पर खेला हो गया है। इस प्रमोशन गेम का मास्टरमाइंड कौन है, यह समझ से परे है। गौरतलब है कि पिछले दिनो विभाग ने एक आदेश जारी कर 5 लोगो की पदोन्नति सूची जारी की थी। इस सूची में वरिष्ठ उत्पादन सहायक संवर्ग में प्रक्षेत्र संवर्ग को संविलियन कर दिया गया, जबकि इस कैडर की पदोन्नति का किसी तरह का कोई चैनल नही है। जानकारो की माने तो अनुच्छेद 4 में संविलियन का नियम है। इसके लिए विभाग की समिति की अनुसंशा करके राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजना था।

लेकिन इस पूरे प्रकरण में प्रस्ताव भेजा गया है या नही ? अगर भेजा गया है प्रस्ताव तो इस पर अनुमति मिली या नही ? यह अब तक स्पष्ट नही हो सका है। बावजूद इसके प्रबंध संचालक ने पदोन्नति की सूची जारी कर दी गयी। जबकि इस सूची से नाराज कुछ अधिकारियों ने जिसमे उनकी पदोन्नति का लाभ मिलना था, उन्होंने इस सूची पर आपत्ति दर्ज करते हुए मामले की शिकायत विभाग के चेयरमैन से की गयी। जिस पर चेयरमैन ने सुनवाई करते हुए आदेश को ही निरस्त कर दिया हैं। ऐसे में अब ये पूरा मामला उच्च न्यायालय पहुच चुका है।

जहां पर विभाग के लोगो द्वारा मान मनव्वल करके कुछ लोगो से उच्च न्यायालय में लगाई याचिका को वापस लेने का दबाव बनाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में जहां कुछ लोगो ने याचिका से अपना नाम वापस ले लिया है, जबकि कुछ लोग अभी भी अपने अपने फैसल पर डटे हुए है। वही सवाल यह भी उठता है कि अगर एक कैडर को दूसरे कैडर में संविलियन किया जाता है, तो पदोन्नति का लाभ पहले किस संवर्ग को होगा और पदोन्नति का आधार किसको माना जाएगा? किसके साथ न्याय और किसके साथ अन्याय होगा यह अब विभाग के पाले पर है कि आखिर यह पदोन्नति के मामले में नियमो को अनदेखा किया गया है या फिर अपने चहेतों को लाभ दिलाया जा रहा…मामला जो भी हो लेकिन इस तरह के आदेश से विभाग की किरकिरी जरूर हो गई है…!

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