हेडलाइन

शहीद वीके चौबे: वो जांबाज SP, जो हिट लिस्ट में होते हुए भी घुस गए थे नक्सलियों की मांद में, कीर्ति चक्र से सम्मानित जांबाज अफसर की वो कहानी जिसे पूरा देश आज भी करता है याद

रायपुर 12 जुलाई 2023। 12 जुलाई 2009 की तारीख छत्तीसगढ़ के इतिहास में मनहूस तारीख के नाम पर दर्ज है। यही वो तारीख थी, जब इस जमी से एक जांबाज बेटा माओवादियों का सीना छलनी करते हुए उसके मांद में घुस गया और फिर साहस का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। देश के इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई एसपी रैंक का अफसर नक्सली हमले में शहीद हुआ। जी हां उस जांबाज अफसर का नाम था बीके चौबे, राजनांदगांव SP रहते बीके चौबे ने नक्सलियों से लोहा लेते हुए अंतिम सांसें ली। वो एक ऐसे अफसर थे, जिनका मुस्कुराता चेहरा गैरों को भी अपना बना लेता था, लेकिन जब दुश्मनों की बारी आती तो काल बनकर टूट पड़ते थे।

बीके चौबे की शहादत आज भी भूल नहीं पाए हैं लोग

राजनांदगांव जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के मदनवाड़ा, कोरकट्टा और कोरकोट्टी गांव के करीब 12 जुलाई, 2009 को नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीके चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। 12 जुलाई को सुबह करीब छह बजे जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसमें दो जवान शहीद हो गए।’’
हमले की खबर पर SP बीके चौबे तुरंत मदनवाड़ा के लिए रवाना हुए। ये जानते हुए भी की, वो नक्सलियों की हिट लिस्ट में हैं, बावजूद खुद की जान की परवाह ना करते हुए वो मुठभेड़ स्थल की ओर बढ़ते चले गए। ‘‘घटना के दिन विनोद चौबे ने मानपुर पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया था कि बाइक युक्त पुलिस बल को तैयार रखा जाए। जब चौबे मदनवाड़ा की ओर आगे बढ़ रहे थे तभी उनके पीछे चल रहे वाहन के चालक को गोली लगी। चौबे वहीं रुक गए और मानपुर थाने को खबर किया कि नक्सलियों ने कोरकोट्टी गांव के करीब घात लगाया है।’’

‘‘चौबे ने निर्देश दिया कि मोटरसाइकिल युक्त पुलिस कर्मियों को न भेजा जाए। उन्होंने इसकी जानकारी आईजी मुकेश गुप्ता को भी दी। जानकारी मिली है कि इससे पहले ही मोटरसाइकिल युक्त पुलिस दल पहले ही मानपुर से निकल चुका था।’’ दोपहर तक यह जानकारी मिली कि फायरिंग अब भी जारी है और एसपी भी इसमें फंस गए हैं। पूरे इलाके को 350 से ज्यादा नक्सलियों ने घेर रखा था। भारी गोली बारी शुरू हो गई थी।

घटनास्थल पर मोटरसाइकिल सवार 12 जवानों का पहला पुलिस दल पहुंचा और नक्सलियों की गोलियों का शिकार हुआ, बाद में 12 जवानों का एक और दल पहुंचा और वे सभी भी नक्सलियों की गोलियों से शहीद हो गये। इसके बाद वहां एंटी लैंड माइन व्हीकल पहुंचते ही, नक्सलियों ने भारी गोलीबारी की। जितने सुरक्षा इंतजाम थे, उसके तुलना में कई गुना ज्यादा साहस का परिचय एसपी वीके चौबे के नेतृत्व वाली पुलिस पार्टी ने दिया, लेकिन नक्सलियों के एंबुश में जवान ऐसे फंसे की, फिर निकल ही नहीं पाए। फिर कुछ देर बाद यह खबर आज की एसपी वीके चौबे भी नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं। उनके साथ 29 जवानों ने भी वीरगति हो पाई है। यह एक ऐसा जख्म है जिसे देश के इतिहास में आज भी नक्सलियों के बड़े हमले में शुमार किया जाता है जिसमें पहली दफा कोई एसपी वीरगति को प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने भी किया मदनवाडा नक्सल हिंसा में शहीद विनोद चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों को नमन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहादत को प्राप्त हुए शहीद विनोद चौबे एवं उनके साथ शहीद हुए 28 पुलिसकर्मियों को उनके शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि 12 जुलाई 2009 को राजनांदगाँव में मदनवाड़ा के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए जाबांज पुलिस अधीक्षक स्व. विनोद चौबे जी एवं उनकी टीम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए छत्तीसगढ़ की माटी के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। ऐसे महान सपूतों को हम सब नमन करते हैं, अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। हम सबको आप पर गर्व है। जय हिन्द।

ज्ञात हो कि एसपी विनोद चौबे छत्तीसगढ़ के नक्सल ऑपरेशन में देश के पहले शहीद आईपीएस अधिकारी थे। मरणोपरांत उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। नक्सल हमले के दौरान मुठभेड़ में वो शहीद हुए थे। वह हमला देश का पहला नक्सली हमला था जिसमें कोई एसपी शहीद हुआ था। इस नक्सली हमले में एसपी के अलावा 29 जवान भी शहीद हुए थे।

ये जवान हुए थे शहीद

नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान स्व.विनोद ध्रुव, उनि कोमल साहू, उनि धनेश साहू, प्रआर सुंदर लाल चौधरी, प्रआर दुष्यंत सिंह, आर प्रेमचंद पासवान, आर अरविंद शर्मा, प्रआर गीता भंडारी, प्रआर जखरियस खलखो, प्रआर संजय यादव, आरक्षक प्रकाश वर्मा, आर बेदुराम सूर्यवंशी, आर सुभाष कुमार बेहरा, आर टिकेश्वर देशमुख, आर सूर्यपाल वट्टी, आर अजय कुमार भारद्वाज, आर मनोज वर्मा, आर लोकेश छेदइया, आर श्यामलाल भोई,आर मिथलेश कुमार साहू, आर रजनीकांत, आर निकेश साहू, आर संतराम साहू, आर झाड़ूराम साहू, आर अमित नायक, आर वेदप्रकाश यादव, आर रितेश कुमार वैष्णव, आर लालबहादुर नाग शहीद हुए थे।

Back to top button