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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का पहलेविरोध किया, अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले……”हम मोदी विरोधी नहीं…. उनके प्रशंसक”

दिल्ली 22 जनवरी 2023। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के सुर अब बदल गये है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि “हम मोदी विरोधी नहीं उनके प्रशंसक हैं”। आज सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य तरीके से रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर एक तरफ जहां तैयारिंया लगभग पूरी कर ली गयी है। वहीं आज होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को अयोध्या के साथ ही पूरे देशभर में धूमधाम से उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

अयोध्या में रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बयान ने एक बार फिर सबकी ध्यान अपनी ओर खींचा है। शंकराचार्य ने कहा कि सच्चाई ये है कि पीएम मोदी ने हिंदुओं को आत्म-जागरूक बनाया है, जो छोटी बात नहीं है। हमने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि हम मोदी विरोधी नहीं बल्कि उनके प्रशंसक हैं। उन्होने आगे पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री का नाम बताइए जिसने पहले भी मोदी की तरह हिंदुओं को मजबूत किया हो। हमारे कई प्रधानमंत्री रहे हैं और वे सभी अच्छे रहे हैं, हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं।

मीडिया में दिये बयान में शंकराचार्य ने सवाल करते हुए आगे कहा जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, तो क्या हमने इसका स्वागत नहीं किया ? जब नागरिकता संशोधन कानून आया तो क्या हमने इसकी प्रशंसा नहीं की ? क्या हमने पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान में बाधा डाली ? हमने इस बात की भी सराहना की कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से भूमि पर राम मंदिर बनाए जाने के फैसले के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति में कोई व्यवधान नहीं आया। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा जब भी हिंदू मजबूत होते हैं तो हमें खुशी होती है और नरेंद्र मोदी वह काम कर रहे हैं।

आपको बता दे कि इससे पहले शंकराचार्यों ने अलग-अलग कारण बताकर राम मंदिर उद्घाटन से किनारा कर लिया था। हालांकि रामलला प्राण प्रतिष्ठा का इन शंकराचार्यों ने समर्थन भी किया है। मामले पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि मंदिर अभी पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ है और अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए। अधूरे भगवान की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों में निषेध है। लेकिन अब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के ठीक एक दिन पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करते हुए उनकी जमकर तारीफ की है।

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