कैंसर ठीक करने के दावे वाला मैसेज झूठा, शुगर-फ्री डाइट, गर्म नींबू पानी और नारियल तेल पीने से ठीक नहीं होती ये जानलेवा बीमारी
5 अगस्त 2023 हेल्थ से जुड़ी हर एक जानकारी आजकल इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसके अच्छे और बुरे दोनो ही परिणाम हैं। लेकिन जब यही जानकारी रिसर्च पेपरों से निकलकर सोशल मीडिया और आपके व्हाट्सऐप तक पहुंचती है तो काफी हद तक भ्रामक हो जाती है और जब मामला स्वास्थ्य से जुड़ा हो तो और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। ऐसा ही एक मैसेज हेल्थ को लेकर वायरल हो रहा है, जिसमें किसी ‘डॉ गुप्ता’ के हवाले से दावा किया जा रहा है कि शुगर का सेवन बंद करने, गर्म नींबू-पानी और ऑर्गेनिक नारियल तेल पीने से कैंसर ठीक हो जाता है। इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने जब इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो कुछ और ही सच सामने आया।
कैंसर के इलाज को लेकर सोशल मीडिया पर फिर से एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक तस्वीर के साथ कथित डॉ. गुप्ता के हवाले से दावा किया जा रहा है कि शुगर का सेवन बंद करने और गर्म नींबू-पानी व ऑर्गेनिक नारियल तेल पीने से कैंसर ठीक हो जाता है। यूजर्स इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करने की अपील भी कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि इन तीनों दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हमने कैंसर विशेषज्ञों से बातचीत की, उन्होंने भी इन दावों को गलत बताया। उन्होंने इस तरह के अपुष्ट दावों पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी है। वहीं, पोस्ट में दी गई तस्वीर के बारे में हमें इंटरनेट पर कोई जानकारी नहीं मिली।
पहला दावा निकला गलत
पहला दावा किया गया कि चीनी का सेवन बंद करने से कैंसर वाली कोशिकाएं मर जाती हैं। गूगल पर सर्च करने पर हमें कैंसर रिसर्च यूके का एक आर्टिकल मिला, जिसमें लिखा था, “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि शुगर-फ्री डाइट लेने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है, या फिर आपके जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।“
दूसरा दावा
एक कप गर्म पानी में नींबू का रस मिलाएं और इसे सुबह भोजन से पहले 1-3 महीने तक पिएं। इससे कैंसर खत्म हो जाएगा।“बाल्टीमोर के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज (या हेल्थ साइंसेज इंस्टीट्यूट) के हवाले से दावा करते हुए बड़े पैमाने पर ईमेल शेयर की जा रही है। इसमें कहा गया है कि नींबू सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ एक कारगर उपाय है और नींबू कीमोथेरेपी से 10,000 गुना अधिक प्रभावकारी है। हालांकि, बाल्टीमोर संस्थान की वेबसाइट पर ऐसा कोई आर्टिकल नहीं है। ईमेल द्वारा किए गए दावे भी सही नहीं हैं। नींबू सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ कारगर उपाय नहीं है और ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जो नींबू की प्रभावशीलता की तुलना कीमोथेरेपी से कर सके। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नींबू और अन्य खट्टे फलों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ होते हैं, जिनमें कैंसर से लड़ने के गुण हो सकते हैं, लेकिन इन गुणों का मनुष्यों पर परीक्षण नहीं किया गया है।
तीसरा दावा भी वैज्ञानिक रूप से भ्रामक
इसके बाद हमने तीसरा वायरल दावा ‘ऑर्गेनिक नारियल तेल से कैंसर जाता है’ से जुड़ी पड़ताल की। जब हमने गूगल सर्च किया तो वैज्ञानिकों के कुछ रिसर्च पेपर मिले। हमने नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन, जो कि अमेरिकी सरकार की एक आधिकारिक वेवसाइट है, उसे खोला। इसमें ‘वर्जिन नारियल तेल की इन विट्रो एंटीकैंसर गतिविधि और लिवर और मौखिक कैंसर कोशिकाओं में इसके अंश’ नाम से एक रिसर्च पेपर हमने गौर से पढ़ा। इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि वेज्ञानिकों ने कुछ कैंसर सेल्स पर नारियल तेल के अलग-अलग रूप के साथ परीक्षण किए। इस दौरान हर एक कैंसर सेल लाइन को वर्जिन नारियल तेल (वीसीओ), प्रसंस्कृत नारियल तेल (पीसीओ) और फ्रैक्शनेटेड नारियल तेल (एफसीओ) के अलग-अलग कंस्नट्रेशन के हिसाब से ट्रीट किया गया था।
हालांकि, विश्वास न्यूज पोस्ट के साथ दी गई तस्वीर की पुष्टि नहीं करता है।
अंत में हमने गलत दावा करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। 3 फरवरी को बने इस पेज की लोकेशन दिल्ली दी हुई है।
निष्कर्ष: चीनी या शक्कर का सेवन बंद करने, गर्म नींबू-पानी और नारियल तेल पीने से कैंसर सही होने के बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।कैंसर विशेषज्ञों ने इन दावों को गलत बताया है और सलाह दी है कि इन पर भरोसा न करें और डॉक्टरी इलाज मत छोड़ें।