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NW न्यूज स्पेशल: CM भूपेश की किसान न्याय योजना ने बदली अन्नदाताओं की किस्मत, किसानों के खाते में अब तक पहुंचे 18 हजार करोड़

  • किसानों को इनपुट सब्सिडी के तौर पर मिल रहा 9 से 10 हजार प्रति एक
  • सरकार ने वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ का रखा प्रावधान
  • किसानों को 18 हजार करोड़ से ज्यादा की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है

रायपुर 15 मई 2023। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है राजीव गांधी किसान न्याय योजना. राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है. इस योजना का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के किसान पुत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 21 मई 2020 को किया गया. स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर शुरू इस योजना का ध्येय यहीं रखा गया कि प्रदेश का हर किसान समृद्ध और खुशहाल हो और आज प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच चरितार्थ होती दिखाई भी देती है. ये योजना किसानों को अधिक फसल उत्पादन हेतु प्रोत्साहित तो कर ही रही है, साथ ही किसानों द्वारा पैदा की हुई फसल की उचित कीमत देने और कृषि रकबे के साथ ही उत्पादन में वृद्धि करने का काम भी कर रही है

किसानों को मिलती है इतनी राशि-

प्रदेश सरकार विभिन्न फसलों और वानिकी पर किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 9 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की इनपुट सब्सिडी देती है. यह सहायता तकरीबन चार किस्त में सीधे किसान के बैंक अकाउंट में भेजी जा रही है. इसके अलावा किसान को खेती के लिए प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है.

योजना का प्रभाव-

बता दें की एक वक्त था जब प्रदेश के किसान खेती में घाटा होने से खेती से मुंह मोड़ने लगे थे, लेकिन इस योजना का सबसे बड़ा प्रभाव ये देखने को मिला कि इस योजना के आने से अब किसान पूरी क्षमता से खेती करने में लग गए हैं. इस योजना के कारण न सिर्फ किसानों की संख्या लाखों में बढ़ी है, बल्कि किसानों की संख्या बढ़ने से पैदावार में भी बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल मार्गदर्शन में ये योजना नये कीर्तिमान बना रही है.

इस योजना का उद्देश्य-

किसान को इस योजना के तहत जमीन के अनुसार आर्थिक सहायता दी जा रही है. इस योजना को मुख्य रुप से धान, सोयाबीन, मक्का और इस तरह के अन्य फसल में बढ़ोतरी लाने के लिए शुरू किया गया है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की तरह आय उपलब्धता सुनिश्चित करना है. इस योजना की शुरुआत फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को कृषि कार्य में सहायता प्रदान करने हेतु किया गया है. इस योजना का उद्देश्य किसानों द्वारा फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने तथा उनकी उपज का सही दाम दिलाना है.

न्याय योजना की इसतरह मिल रहा है लाभ-

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलों, विशेषकर किसानों को धान के मूल्यों में अंतर की राशि का लाभ पहुंचाना है. इस योजना से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है. इस योजना के तहत राज्य के किसान धान की अच्छी पैदावार कर बेहतर आर्थिक उन्नति कर रहे हैं. इस योजना में किसान को 10000 रुपये तक की आर्थिक सहायता 4 किश्तों में मिल रही है, जिससे उनके कई जरूरी काम हो रहे हैं. इस योजना से बड़ा फायदा ये भी हुआ है कि कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुनर्स्थापित कर राज्य के जीडीपी में कृषि की सहभागिता में बढ़ोतरी किया जा सका है.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पात्रता-

आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए. आवेदक की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए. छत्तीसगढ़ राज्य के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. आवेदक के पास अपना एक निजी बैंक खाता जो आधार कार्ड से लिंक हो, होना चाहिए. इनपुट सब्सिडी केवल योजना में शामिल फसलों पर ही दी जाएगी. संस्थागत भूधारक, बटाईदार और लीज कृषक इस योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं है. आवेदक के पास पासपोर्ट साइज का फोटो और मोबाइल नंबर होना चाहिए. आवेदक के पास भूमि संबंधी दस्तावेज होने चाहिए. योजना का फायदा लेने के लिए पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इन फसलों/वानिकी पर दिया जा रहा लाभ-

इस योजना के तहत प्रदेश सरकार के द्वारा फसलों की उचित कीमत किसानों को दी जा रही है. इसको इस प्रकार समझा जा सकता है की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकार द्वारा घोषित मूल्य दोनों के बीच अंतर का जो राशि है उस राशि को इस योजना के तहत किसानों को दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत सरकार ने धान की खेती के साथ-साथ मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, कोदो, कुल्थी और गन्ना आदि को भी इसमें शामिल किया है, जिसपर प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है. वहीं योजना में शामिल वानिकी फसलों/बागवानी पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी 3 साल के लिए दी जा रही है. किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिल सके इसीलिए किसी भी बिचौलिए को सरकार और किसान के बीच नहीं रखा गया है

ऐसे करें आवेदन-

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना से संबंधित पंजीकरण की प्रक्रिया धान खरीदी की तिथि घोषित होने के बाद शुरू हो जाती है. जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होता है. सबसे पहले कृषि विस्तार पदाधिकारी से आवेदन पत्र प्राप्त करना होता है. आधिकारिक लिंक से भी आवेदन पत्र डाउनलोड किया जा सकता है. आवेदन पत्र प्राप्त हो जाने के बाद उसे ध्यान पूर्वक भरना होता है. आवेदन भरने के बाद उसके साथ ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छायाप्रति को संलग्न करना होता है. जिसके बाद भरे हुए आवेदन को कृषि विस्तार अधिकारी के पास जमा करना होता है. कृषि विस्तार अधिकारी आपके आवेदन पत्र का सत्यापन करके निर्धारित समय सीमा के अंदर संबंधित कृषि शाखा समिति में जमा करता है. समिति द्वारा सभी आवेदनों का सत्यापन किया जाता है. जिसके बाद किसान के खाते में लाभ की राशि हस्तांतरित की जाती है. इस योजना की सहायता राशि DBT के माध्यम से किसान के खाते में भेजी जाती है. यह राशि किसान के खाते में किस्तों में दी जाती है

प्रदेश में इतने किसान जिन्हें मिली राशि-

साल 2022-25 की खरीफ फसल के एवज में 21 मई 2023 को सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के 24 लाख 52 हजार 592 पंजीकृत किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त के तौर पर करीब 1894 करोड़ 93 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया. इसके बाद किसानों को अगस्त, अक्टूबर और मार्च महीने में लगातार तीन और किश्तों में राशि दी जाएगी जो लगभग 6000 करोड़ रुपये की होगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या, रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि करीब 8000 करोड़ होने का अनुमान है. बता दें कि खरीफ वर्ष 2019-20 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 18 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है…..

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