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NW स्टोरी- पौनी पसारी योजना,पारंपरिक व्यवसाय को बढ़ावा देने की जब आई बारी, भूपेश बघेल सरकार ने लाई ‘रोजगार सृजन’ की योजना ‘पौनी पसारी’

रायपुर 30 जून 2023 अपनी लोक कला, समृद्ध संस्कृति और परंपरा से अथाह प्रेम करने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देशभर में अपार लोकप्रियता यूं ही नहीं अर्जित की है. बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, राजनीतिक सूचिता और दूरदर्शी नजरिये का बहुत बड़ा योगदान है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने सभी वर्गों का ख्याल रखा है और उनके सम्बल के लिए योजना लाई है. ऐसी ही एक योजना है पौनी पसारी योजना. छत्तीसगढ़ सरकार ने पौनी पासारी योजना पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से शुरू की है. शहरी निकायों के बाजारों में जगह उपलब्ध कराने और लाभार्थियों को व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए ये योजना शुरू की गई है.

पौनी पसरी योजना के जरिए करीब 12,000 लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का काम सरकार कर रही है. इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 दिसंबर 2020 को सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुरू करने का निर्णय लिया. इस योजना से राज्य सरकार करीब 168 शहरी क्षेत्रों में नागरिकों, जिसमें खासकर युवाओं को आजीविका के अवसर प्रदान कर रही है

पौनी पासारी योजना के लाभार्थी और संबद्ध कार्य-

कुम्हार
कपड़े धोने वाले
जूते चप्पल बनाने वाले
लकड़ी से सम्बंधित कार्य
पशुओं के लिए चारा
सब्जी भाजी उत्पादन
कपड़ों की बुनाई
कपड़ों की सिलाई
कंबल बनाने वाले
मूर्तियां बनाने वाले
फूलों का व्यवसाय
पूजन सामग्री बनाने वाले
बांस का टोकना
केशकर्तन
दोना पत्तल बनाने वाले
चटाई बनाने वाले
आभूषण बनाने वाले
सौंदर्य सामग्री बनाने वाले

पौनी पसरी योजना इसलिए है जरूरी-

बाजार में मशीनों से बने खिलौने, अलग-अलग शिल्प और मशीनों से बनी चीजें दिखती है और हमसब खरीदते भी हैं. पहले इन वस्तुओं को प्रतिभाशाली व्यक्तियों द्वारा हाथ से बनाया जाता था. पहले ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति आराम से जीवन व्यतीत करते थे, उनका यहीं रोजगार और आजीविका का साधन था. लेकिन अब, प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के कारण, वे आर्थिक रूप से पीड़ित हैं. जिस वजह से पारंपरिक काम करने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने पौनी पासारी योजना फिर से शुरू की है. छत्तीसगढ़ की पौनी पसरी प्रणाली आधुनिकीकरण के कारण अपना महत्व खोती जा रही है और विलुप्त होती जा रही है. पहले, इस प्रणाली को राज्य की संस्कृति में शामिल किया गया था. प्राचीन काल से ही पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को रोजगार और आय पारंपरिक व्यवसाय से ही होता था. यह शहरी और ग्रामीण जीवन दोनों के लिए महत्वपूर्ण था और आज फिर से पौनी पसरी प्रणाली को भूपेश बघेल सरकार ने प्रासंगिक बना दिया है.

पौनी पसरी योजना की विशेषता-

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राज्य में पारंपरिक व्यवसाय को बढ़ावा देने और बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए यह लाभकारी योजना शुरू की है. कई श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोग योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा, यह योजना पुरुषों और महिलाओं दोनों को लाभ प्रदान करती है. इस योजना के तहत महिलाओं को 50% की दर से आरक्षण दिया गया है ताकि वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकें. इस लाभकारी योजना की शुरुआत के माध्यम से, छत्तीसगढ़ में लगभग 12000 नए लोगों को रोजगार और रुपये का निवेश करने में सक्षम बनाया जा रहा है. इस योजना के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों में लोहारी, कुम्हारी, कोस्टा, बंसोड़ आदि के पारंपरिक व्यवसाय करने के लिए चबूतरा और शेड का निर्माण किया जा रहा है. संबंधित लोगों को अस्थायी रूप से किराए पर स्थान उपलब्ध कराए जा रहे हैं और वे वहां कारोबार कर रहे हैं. योजना में महिलाओं की बराबर की हिस्सेदारी है, जिससे उनकी जीवकोपार्जन के लिए परिवार के पुरुष सदस्य पर निर्भरता कम हो रही है

पौनी पसारी योजना में ऑनलाइन आवेदन-

योजना का लाभ उठाने ऑनलाइन आवेदन भरने के चरण में सबसे पहले छत्तीसगढ़ पौनी पासारी योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. होमपेज पर “ऑनलाइन आवेदन करें” बटन पर क्लिक करें. आवेदन पत्र वाला एक पेज दिखाई देगा. फिर आवश्यक जानकारी दर्ज करें और दस्तावेज अपलोड करें. आवेदन जमा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें.

पौनी पसारी योजना के लिए जरूरी दस्तावेज-

आधार कार्ड
राशन पत्रिका
आवास प्रामाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
पासपोर्ट के आकार की तस्वीर
मोबाइल नंबर

छत्तीसगढ़ पौनी पसरी योजना के लाभ लेने के लिए पात्रता और मानदंड-

आवेदक छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना चाहिए. इस योजना के अनुसार आवेदक को पारंपरिक व्यवसाय में एक कारीगर होना चाहिए. आवेदक बेरोजगार होना चाहिए.

इस तरह की है पौनी पसारी योजना-

इस योजना से राज्य के सभी 168 क्षेत्रों में सभी स्थानीय युवाओं और बेरोजगार युवाओं के पास आजीविका का साधन मुहैया कराया जा रहा है. छत्तीसगढ़ी संस्कृति साप्ताहिक हाट-बाजार और पौनी पसारी की विशेषता है. पौनी पसारी के पारंपरिक व्यवसाय और व्यवसायी शहरीकरण के परिणामस्वरूप धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं. इसके लिए सभी 168 नगरीय निकायों ने पौनी पसारी योजना शुरू की गई है. इसके तहत 30-30 लाख रुपये की लागत से पौनी पसारी बाजार का निर्माण किया जा रहा है.

पौनी पसारी योजना के प्रमुख लाभ-

पौनी पसारी योजना में महिलाओं को समान अधिकार का लाभ दिया जा रहा है. 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. जिससे समाज में समानता के अधिकार की अवधारणा प्रबल हो रही है. करीब 12 हजार से अधिक परिवारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने से बेरोजगारी से लड़ने में सहायता मिली है. इस योजना के तहत पारंपरिक व्यवसाय के लिए 255 पौनी पासारी बाजार का निर्माण किया जा रहा है……

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