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रविवार छुट्टी में भी शिक्षकों को स्कूल आने का आदेश, प्रधान पाठक मंच एवं शिक्षक एलबी संवर्ग ने जताया विरोध

रायपुर 30 सितंबर 2023। 1 अक्टूबर अर्थात छुट्टी के दिन भी शिक्षको को स्कूल आने का फरमान स्कूल शिक्षा विभाग राज्य परियोजना कार्यालय ने जारी किया है। उक्त आदेश में सचिव स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार नई दिल्ली का हवाला देते हुए कहा गया है कि 1 अक्टूबर 2023 को समस्त शिक्षको एवं विद्यार्थियों को स्कूल आकर शाला परिसर एवं आसपास की सफाई जनभागीदारी एवं जनसहयोग से किया जाना है।


“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच” एवं “शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” ‘संगठन’ ने केंद्र सरकार के उक्त आदेश का कड़ा विरोध किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष परसराम निषाद, उपाध्यक्ष नारायण रजक, महेंद्र साहू, सूरीत नेताम, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेंद्र टंडन, बरतराम रत्नाकर, धन्नू साहू एवं पदाधिकारीद्वय उज्जवल चंद्रा, अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज, ईशा नायक, राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर, नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह, जानकी देवांगन, अनिरुद्ध सिन्हा, नरेंद्र परतेती, मिना भदौरिया, अंजू नायक, रोहित साहू एवं मोहित पाठक आदि ने उक्त आदेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर गांधी जयंती के पूरा संध्या पर किया जा रहा है।


साथ ही देश भर में स्वच्छता अभियान चलाई जा रही है, संगठन ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रविवार अवकाश का दिन है ऐसे में स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम रविवार के बजाय शनिवार को भी किया जा सकता था लेकिन सरकार को शिक्षकों के सुविधाओं से कोई लेना-देना नहीं है। शिक्षकों एवं बच्चों को दिए जाने वाले छुट्टी से कोई मतलब नहीं है।

जब सरकार को यह मालूम है कि रविवार को अवकाश रहता है और सोमवार को 2 अक्टूबर गांधी जयंती है जिसमे सफाई अभियान चलाना है ऐसे में यह कार्यक्रम 1 अक्टूबर के बजाय 30 सितंबर शनिवार को भी किया जा सकता था।लेकिन चूंकि सरकार की मनसा है कि शिक्षकों को परेशान एवं प्रताड़ित किया जाए इसीलिए सरकार द्वारा जानबूझकर हर बार ऐसा किया जाता है। यह पहली बार नहीं है कि इस प्रकार का आदेश जारी हो रहा है बल्कि जब-जब ऐसे कार्यक्रम होते हैं तब तब छुट्टी के दिन को भी कार्य करने का आदेश दिया जाता है।


उक्त आदेश का कर्मचारी संगठन ने पुरजोर विरोध किया है और शासन को आगाह किया है कि इस प्रकार का आदेश जारी करने से पहले सरकार को एक बार जरूर सोचना चाहिए की क्या इस प्रकार का आदेश छुट्टी के दिन जारी होते हैं।क्यों की शिक्षकों को सप्ताह में सिर्फ एक दिन अर्थात रविवार को ही अवकाश मिलता है जिसमें वह अपनी तैयारी करते हैं, परिवार को समय देते हैं, कपड़े की सफाई करना एवं घरेलू कार्य करते हैं। शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग है जहां शनिवार को भी छुट्टी नहीं दिया जाता जबकि अन्य विभाग में शनिवार को छुट्टी दिया जाता है।


शिक्षा विभाग के अलावा अन्य भाग को दो माह अर्थात 60 दिनों का अर्जित अवकाश दिया जाता है जबकि शिक्षा विभाग में शिक्षकों को सिर्फ 10 दिनों का ही अर्जित अवकाश दिया जाता है इस प्रकार सरकार द्वारा सरकारी आदेश के नाम पर बेवजह शिक्षकों को प्रताड़ित एवं परेशान किया जा रहा है जो किसी भी सूरत में उचित नहीं। यदि सरकार द्वारा इस प्रकार का आदेश दोबारा जारी किया गया तो शिक्षक संघ इसका खुला बहिष्कार कर सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।

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