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मीना खलको हत्याकांड में पुलिसकर्मी बरी….2011 में हुई घटना पर आया फैसला… नक्सली बताकर 16 साल की हत्या का था मामला

रायपुर 18 मई 2022। रायपुर की अदालत ने मीना खलखो हत्याकांड के आरोपी पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया है। इस मामले में धर्मदत्त धनिया और जीवनलाल रत्नाकर को बरी किया गया है। धर्मदत्त दिल्ली में हैं, जबकि जीवनलाल रामानुजगंज के थाने में हेड कास्टेबल है। बलरामपुर में मीना खलको हत्याकांड बेहद चर्चित रहा था, आरोप था कि 16 साल की लड़की को नक्सली बताकर पुलिसकर्मियों ने गोली मार दी थी। घटना 6 जुलाई 2011 में बलरामपुर के लोंगरटोला में हुई थी।

इस फर्जी इनकाउंटर के मामले ने तुल पकड़ा तो मामले की न्यायिक जांच करायी गयी। जांच में 42 पुलिसकर्मियों पर हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में CID जांच भी करायी गयी।  मीना खलको हत्याकांड में चांदो के तत्कालीन प्रभारी उपनिरीक्षक एन खेस के अलावा हवलदार ललित भगत, महेश राम, विजेंद्र पैकरा, इंद्रजीत पैकरा, पंचराम ध्रुव, श्रवण कुमार, भदेश्वर राम, मोहर कुजूर, संजय टोप्पो, मनोज कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद सभी को लाइन अटैच किया गया था। लेकिन नामजद केस दो के ही खिलाफ दर्ज हुआ था। जिन्हें अब बरी किया गया है।

 पुलिस वालों ने दावा किया किया था कि झारखंड से आए नक्सलियों के साथ दो घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान मीना को गोली लगी थी। वह नक्सलियों के वर्दी में थी। उसने भी पुलिस पर फायरिंग की थी। मुठभेड़ स्थल लोंगराटोला और मीना के गांव करंचा के ग्रामीणों का कहना था कि उस रात उन्होंने केवल तीन गोलियों की आवाज सुनी थी। मीना के परिजनों, राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने मीना का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसे मौत के घाट उतार दिया था।

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