NRAD के प्रापर्टी सीज मामले में सियासत गरमायी : रमन बोले- आर्थिक कुप्रबंधन से बने बर्बादी के हालात…. मोहम्मद अकबर बोले- रमन सिंह हैं जिम्मेदार, सर्वे किए बगैर निवेश का है ये नतीजा
रायपुर 18 जनवरी 2022। NRDA की प्रापर्टी को बैंक के अधिग्रहण का मामला तूल पकड़ गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों इस मामले में आमने-सामने आ गये हैं। भाजपा ने जहां इसे सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन बताया है, तो वहीं आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसके लिए पूर्ववर्ती रमन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मोहम्मद अकबर ने कहा है कि जिस प्रापर्टी पर बैंक ने कब्जा लिया है वह एक रिटेल काम्पलेक्स है। इसको 262करोड़ 31 लाख की लागत से बनाया गया है। लागत अत्यधिक होने से रिटेल काम्पलेक्स को 9 हजार 425 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर बेचा जा रहा है। यह दर रायपुर शहर स्थित पंडरी के श्याम प्लाजा, तेलीबांधा के मैग्नेटो मॉल और दूसरी प्रापर्टी के बिल्टअप दर से भी अधिक है। प्रापर्टी नहीं बिक पाने की वजह से कर्ज को नहीं चुकाया जा सका। उन्होंने इसके लिए पूरी तरह से रमन सरकार को जिम्मेदार बताया।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन पर सवाल खड़े किये थे। रमन सिंह ने कहा था कि कर्ज़ नहीं चुकाने पर नया रायपुर में सरकारी सम्पत्तियों को बैंक ने कब्जे में ले लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार का छत्तीसगढ़ मॉडल गर्त में जा रहा है। प्रदेश की भूपेश-सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन और ‘ऋणम् कृत्वा, घृतम् पिबेत्’ की लत के चलते कल को विधानसभा, मंत्रालय, चौक-चौराहों के साथ छत्तीसगढ़ महतारी भी गिरवी हो जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा कि कर्ज़ पर कर्ज़ लेकर इस सरकार ने छत्तीसगढ़ को कंगाली के मुहाने पर ला खड़ा किया है और अब हालत यह है कि कर्ज़ चुकाने के लिए यह सरकार और ज़्यादा कर्ज़ ले रही है। डॉ रमन सिंह ने कहा हज़ारों करोड़ो का कर्जा लेकर सरकार उसे उपयोगी तरीके से खर्च नही कर पा रही ,वो करोड़ो के नुकसान में चल रहे मेडिकल कॉलेज खरीद रही है,यही कारण है कि कर्ज चुकाने के भी सरकार के पसीने छूट रहे है और सरकारी संपत्ति की नीलामी की स्थिति आ गयी है।
रमन सिंह के इस बयान के बाद मोहम्मद अकबर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भवन में कुल विक्रय योग्य कारपेट एरिया लगभग 2.64 लाख वर्गफीट है। इसमें से 10% यानी 0.27 लाख वर्गफीट कारपेट एरिया का विक्रय हो पाया है। करीब 6% यानी 0.17 लाख वर्गफीट कारपेट एरिया को मासिक किराए पर दिया गया है। अभी भी उस भवन में 2.20 लाख वर्गफीट कारपेट एरिया विक्रय अथवा किराए पर देने के लिए उपलब्ध है। आवास मंत्री ने बताया, उपलब्ध बिल्टअप एरिया का आबंटन निविदा के जरिए किया जाता है। लेकिन महंगी दर और रियल एस्टेट में आई मंदी की वजह से समय सीमा के भीतर इसे बेचा नहीं जा सका। मोहम्मद अकबर ने कहा, नवा रायपुर में मांग के आकलन एवं सर्वे किए बगैर निवेश करने तथा अत्याधिक लागत में निर्माण कराने के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय की वजह से यह स्थिति बनी है। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ही जिम्मेदार हैं।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, नवा रायपुर के कयाबांधा एवं बरौदा के कुल 2.659 हेक्टेयर जमीन पर इस रिटेल काम्पलेक्स का निर्माण हुआ है। रिटेल काम्पलेक्स एवं वाणिज्यिक गतिविधियों के विकास के लिए यूनिअन बैंक आॅफ इंडिया से 169 करोड़ का ऋण लिया गया था। कर्ज मिलने के बाद जून 2016 से इसका निर्माण शुरू हुआ। 31दिसम्बर 2018 को इसका निर्माण पूरा हो गया। अब तक 20 करोड़ 71 लाख रुपए बैंक को भुगतान किया जा चुका है। 30 जून 2021 की स्थिति में 158.29 करोड़ का ऋण शेष है।