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प्रमोशन घोटाला “काउंसिलिंग में पद विलोपित”… प्रधान पाठक प्रमोशन में घोटाले का नया आइडिया… JD ने शुरू की जांच… घिरे डीईओ

बिलासपुर 10 दिसंबर 2022। प्रमोशन में गड़बड़ी की परत एक के बाद निकलती जा रही है। अधिकांश जिलों में प्रमोशन में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है। गड़बड़ी को देखते हुए राज्य सरकार ने काउंसिलिंग के जरिये प्रमोशन का निर्देश दिया है। हालांकि काउंसिलिंग में भी अब धांधली की शिकायत आ रही है। इधर, इस मामले मं बिलासपुर जेडी ने सक्ती के जिला शिक्षा अधिकारी को 8 दिसंबर को तलब किया था। दरअसल सक्ती जिले में प्रमोशन में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। आरोप है कि शासन के निर्देश के मुताबिक प्राथमिकता और महिलाओं को तो दी गयी, लेकिन कुछ ऐसे भी प्रकरण थे, जहां अपने चहेतों को खास स्कूलों में पदांकन देने के लिए कुछ स्कूलों को ही सूची से विलोपित कर दिया गया, लिहाजा महिलाओं और दिव्यांगों को मन माफिक स्कूल नहीं मिल पाया।

इस मामले में शिकायत पहले जिला स्तर पर की गयी, लेकिन निराकरण नहीं होने पर मामला संभाग स्तर पर पहुंचा। सक्ती में टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बीएस बनाफर की शिकायत पर संयुक्त संचालक बिलासपुर ने सक्ती जिला के डीईओ को तलब किया है। साथ ही डीईओ से 5 बिंदुओं पर जबाब मांगा गया है। दस्तावेज के साथ बुलाया था। आपको बता दें कि इस मामले में फूलपुष्पा और गंगाबाई चंद्रा ने शिकायत की थी। गंगा बाई चंद्रा ने आरोप लगाया है कि 15 नवंबर को उनकी काउंसिलिंग थी, लेकिन जिस स्कूल में उन्हें पदांकन की चाहत थी, उस दिन काउंसिंलिंग लिस्ट से उस स्कूल में प्रधान पाठक का पद विलोपित कर दिया गया। जबकि 17 नवंबर को सीनियरिटी लिस्ट में उनसे जूनियर शिक्षिका की जब काउंसिलिंग हुई, तो जिस स्कूल में प्रधानपाठिका के पद को पूर्व में विलोपित दिखाया गया, उसे काउंसिंलिग में रिक्त बताया गया, जिसकी वजह से उनकी जूनियर को मनमाफिक स्कूल मिल गया, जबकि गंगाबाई को मनपंसद स्कूल में पोस्टिंग नहीं मिली।

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