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Rain Today: छत्तीसगढ़ में आज-कल हो सकती कई हिस्सों में बारिश….छाये रहेंगे बादल, शीतलहरी भी चलेगी

कांकेर 9 दिसम्बर 2022। :-भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में 9 से 11 दिसम्बर के मध्य कांकेर जिले के कुछ स्थानों पर बहुत हल्की वर्षा होने की संभावना है। आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने के साथ अधिकतम तापमान 28.0 से 29.0 सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 12.0 से 16.0 सेंटीग्रेड सुबह की हवा में 85 प्रतिशत आर्द्रता और शाम की हवा में 60 प्रतिशत आर्द्रता तथा आने वाले दिनों में हवा उत्तर-पूर्व दिशा से 4.0 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना है।

चक्रवाती तूफान मंडौस दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित था जो उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। इसकी स्थिति दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थिति 9.7 डिग्री उत्तर 83.5 डिग्री पूर्व त्रिंकोमाली श्रीलंका से 280 किलोमीटर पूर्व उत्तर पूर्व की ओर, जाफना से पूर्व की ओर 380 किलोमीटर दूर, कराईकल से पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर 420 किलोमीटर दूर, चेन्नई से दक्षिण पूर्व की ओर 520 किलोमीटर दूर स्थित है । इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए और अधिक प्रबल होकर प्रबल चक्रवाती तूफान के रूप में आज शाम को परिवर्तित होने की संभावना है। इसके कल 9 दिसंबर के सुबह तक इसकी प्रबलता बने रहने की संभावना है ।

उसके बाद इसके क्रमिक रूप से कमजोर होते हुए चक्रवाती तूफान के रूप में कल रहने की संभावना है। 9 दिसंबर के मध्य रात्रि में इसके उत्तर तमिलनाडु पुडुचेरी और उससे लगे दक्षिण आंध्र प्रदेश के पास पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा मछलीपट्टनम के पास भूमि पर पहुंचने की संभावना है। भूमि पर पहुंचते समय इसके हवा की गति 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रहने की संभावना है। प्रदेश में उत्तर से ठंडे अफसोस हवा का आगमन लगातार जारी है, जिसके कारण न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं हो रहा है। कल दिनांक 9 दिसंबर को प्रदेश में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है जिसके कारण प्रदेश में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। प्रदेश के बस्तर संभाग के दक्षिणी छोर में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की भी संभावना है।

कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने जिले के किसान भाईयों को सलाह दी है कि कटी हुई फसलों, अनाज, बीज तथा उर्वरकों से भरे बोरों तथा पशुओं के सूखे चारों को सुरक्षित सूखे स्थानों पर ढक कर रखें। धान उपार्जन केन्द्रों में अनाज से भरे बोरों को ढंकने की व्यवस्था बनाये रखें। गोभीवर्गीय फसलों की जल्द से जल्द तोड़ाई करें, बदली के मौसम को देखते हुए दलहन, तिलहन एवं सब्जी वर्गीय फसलों में माहू के प्रकोप की आशंका है इसलिए लगातार फसलों की निगरानी रखें एवं प्रकोप दिखने पर नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें।

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