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2 मंत्री होंगे गिरफ्तार : जानिये क्यों इन दो मंत्रियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार… विपक्ष लगातार साध रहा है निशाना

लखनऊ 7 अगस्त 2022। योगी सरकार के दो मंत्रियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। मंत्री राकेश सचान और संजय निषाद पर कभी भी एक्शन हो सकता है। राकेश सचान को 31 साल पुराने अवैध हथियार के मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया है। वहीं, संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।  इसके अलावा प्रभु राम की नगरी अयोध्या में अवैध प्लॉटिंग के मामले में बीजेपी विधायक और मेयर बुरी तरह फंस गए हैं।  इन तमाम घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  

सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट करके हैं- ‘हमने पहले भी कहा है फिर दोहरा रहे हैं… ‘भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें.’ वहीं, सपा नेता सुनील साजन ने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में जमीन घोटाले को लेकर बीजेपी के ही सांसद पत्र लिख रहे हैं. अयोध्या में किसकी शह पर अयोध्या में भ्रष्टाचार हो रहा है, बिना पंचम तल पर बैठे अधिकारियों के यह नहीं हो सकता. 

कौन है राकेश सचान

राकेश सचान इस वक्त योगी कैबिनेट में खादी ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा और वस्त्रोद्योग मंत्री हैं। शनिवार को मंत्री राकेश सचान को 31 साल पुराने अवैध असलहा रखने के एक मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया है। इसके बाद अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 कोर्ट राकेश सचान को सजा सुनाती, इससे पहले वह अपने वकील की मदद से सजा के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार हो गए। अब कोर्ट की रीडर ने मंत्री पर एफआईआर के लिए कोतवाली में तहरीर दी है। 

मामला सामने आते ही समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया। समाजवादी पार्टी के नेता भूपेंद्र श्रीवास्तव पीयूष ने कहा है कि भाजपा सरकार के मंत्री अपराधी हैं। उन्होंने सीएम योगी से पूछा कि क्या वह अपने मंत्री के घर पर बुलडोजर चलवाने का काम करेंगे? 

संजय निषाद के खिलाफ क्या है मामला? 

राकेश सचान के बाद कैबिनेट मंत्री संजय निषाद भी कानूनी फेर में फंस गए हैं। गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। उन्हें गिरफ्तार कर 10 अगस्त तक कोर्ट में पेश करने के लिए दिए आदेश जारी हुआ है। 

ये मामला 2015 का है। निषाद आरक्षण आंदोलन के दौरान उग्र होने पर संजय निषाद और कुछ अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। संजय निषाद के ऊपर भीड़ को भड़काने का आरोप है। इसको देखते हुए अब अदालत ने गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।

आरोप है कि 2015 में सरकारी नौकरियों में निषाद जाति को आरक्षण देने की मांग को लेकर सहजनवां थानाक्षेत्र के कसरवाल में आंदोलन चल रहा था। इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई थी। इस आंदोलन में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

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