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पुरानी पेंशन स्कीम पर RBI ने राज्यों को चेताया, नहीं ली वापस तो होगा ये नुकसान

नई दिल्ली 17 जनवरी 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार कुछ राज्यों के पुरानी पेंशन स्कीम पर जोर देने को लेकर चेताया है। आरबीआई ने कहा कि राज्य पुरानी पेंशन स्कीम लागू करते हैं तो उन्हें वित्तीय प्रबंधन के लिए एक बड़ा खतरा है। सोमवार को आरबीआइ ने राज्यों के वित्त व्यवस्था पर सालाना रिपोर्ट जारी की है जिसमें कोरोना महामारी के बाद राज्यों की वित्तीय स्थिति को काफी आशाजनक बताया है लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चिंता जाहिर की है।

आरबीआई ने “राज्य वित्त” 2022-23 के बजट का अध्ययन’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में यह बात ऐसे समय कही है जब हाल ही में हिमाचल प्रदेश ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) फिर से लागू करने की घोषणा की है। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, और झारखंड ने केंद्र सरकार तथा पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को ओपीएस बहाल करने के अपने निर्णय के बारे में जानकारी दी थी।

पंजाब सरकार ने भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये ओपीएस लागू करने के संदर्भ में 18 नवंबर, 2022 को अधिसूचना जारी की थी। ये कर्मचारी अभी नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़े हैं।

नई पेंशन प्रणाली में क्या है?
एक जनवरी, 2004 से लागू नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अंशदान आधारित पेंशन योजना है। इसमें कर्मचारी के साथ-साथ सरकार भी अंशदान देती है। वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले लिये गये अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत होती है और यह पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी। आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, “कुछ राज्य पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की बात कर रहे हैं। इससे राज्यों के स्तर पर राजकोष के परिदृश्य को लेकर एक बड़ा जोखिम मंडरा रहा है…।” इसके अनुसार, वर्तमान खर्ची को भविष्य के लिये स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों में पेंशन मद में ऐसी देनदारी पैदा करेंगे, जिसके लिये वित्त की व्यवस्था नहीं है।

वापस नहीं लिया तो होगा भारी नुकसान
रिजर्व बैंक का कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम राज्यों के भविष्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। ये ना सिर्फ राज्यों की वित्तीय स्थिति पर दबाव डालेगी, बल्कि राजकोषीय घाटे को भी बढ़ाएगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुछ राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को वापस लागू किया है। इससे उनके राजकोषीय स्थिति के लिए एक बड़ा जोखिम खड़ा हो गया है।

खत्म कर देगा सरकारों की बचत
राज्यों की वित्तीय स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों के राजकोषीय संसाधन की सालाना बचत इस कदम के बाद थोड़े समय ही चलेगी। मौजूदा खर्चों को भविष्य पर टालकर राज्य जोखिम की ओर बढ़ेंगे; वहीं बिना वित्त पोषण वाली पेंशन का उत्तरदायित्व राज्यों को आने वाले सालों में भारी पड़ेगा।

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