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Republic Day : ऐतिहासिक बग्घी से कर्तव्य पथ पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू, जानें इसकी खासियत..

दिल्ली 26 जनवरी 2024|गणतंत्र दिवस की परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ऐतिहासिक बग्घी से दिल्ली के कर्तव्य पथ पहुंचीं. शुक्रवार (26 जनवरी, 2024) को इस दौरान उनके साथ भारतीय सेना की घुड़सवारों की पलटन और बॉडीगार्ड्स भी थे. सबसे खास बात है कि इस बग्घी को इंडिया ने पाकिस्तान से कभी टॉस में जीता था.

1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के बॉडीगार्ड द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के बाद राष्ट्रपति की सुरक्षा का हवाला देकर बग्घी का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था. 30 साल बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे बीटिंग रिट्रीट में जाने के लिए इस्तेमाल किया था. उसके बाद शपथ ग्रहण के समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस पर सवार हुए थे लेकिन गणतंत्र दिवस समारोह में जाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था. अब 40 सालों बाद एक बार फिर गणतंत्र दिवस समारोह में आने के लिए इस बग्घी की वापसी हुई.

राष्ट्रपति मुर्मू इस साल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि व उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ पारंपरिक बग्गी से कर्तव्य पथ पर पहुंचीं। यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद इस साल फिर शुरू की गई है। बता दें कि साल 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद इस बग्घी में बैठे थे। ब्रिटिश राज के दौरान वायसराय भी इसका इस्तेमाल करते थे। 1984 तक ये परंपरा चलती रही। हालांकि, पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बग्गी की परंपरा को रोक दिया गया और इसकी जगह कार का इस्तामाल होने लगा।

राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने दी सुरक्षा
जिस बग्गी से राष्ट्रपति मुर्मू और इमैनुएल मैक्रों ने सफर किया उसे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने सुरक्षा प्रदान की। बता दें कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट है। यह गणतंत्र दिवस इस विशिष्ट रेजीमेंट के लिए विशेष है क्योंकि ‘अंगरक्षक’ ने 1773 में अपनी स्थापना के बाद से 250 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है।

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