आरक्षण बिल अटका : 12 दिन बाद भी नहीं हुआ राज्यपाल का हस्ताक्षर…आरक्षण बिल लौटाने की लग रही है अटकलें…
रायपुर। आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गयी है। 12 दिन के बाद भी राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने के बाद कांग्रेस ने अब बीजेपी को निशाने पर लिया है। मुख्यमंत्री ने विधेयक के राजभवन में अटक जाने के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, भाजपा ने प्रदेश के लोगों का मजाक बनाकर रख दिया है। राज्यपाल जब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगी। जब तक वह हमें वापस नहीं मिलेगा हम काम कैसे करेंगे।
इधर खबर ये आ रही है कि राजभवन ने शुरुआती समीक्षा के बाद विधेयक को फिर से विचार करने के लिए सरकार को लौटाने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि विधानसभा से सर्व सम्मति से एक्ट पारित हुआ है तो राजभवन में रोका नहीं जाना चाहिए। तत्काल इसको दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पहले मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि
आपको बता दें कि इस मामले में कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा था। कांग्रेस ने कहा था कि न्यायालय के फैसले के बाद कम हुई आदिवासी आरक्षण की बहाली की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को भाजपा के नेता एकात्म परिसर से राजभवन मार्च किए थे।अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश के आदिवासी ओबीसी एससी और ईडब्ल्यूएस वालों को आरक्षण का कानूनी अधिकार दे रही है आदिवासी वर्ग के 32 प्रतिशत आरक्षण की बहाली हो रही है तब भाजपा के नेता एकात्म परिसर के भीतर बैठकर विधेयक में हस्ताक्षर ना हो इसके लिये भाजपा नेता के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल भेजकर विधेयक पर हस्ताक्षर रूकवाने का षडयंत्र रच रहे है भाजपा नेताओं का यह आरक्षण विरोधी चरित्र आरक्षित वर्गो के आगे बेपर्दा हो गया है। अब आरक्षित वर्ग समझ गया कि आखिर पूर्व रमन सरकार ने अपने आरक्षण विरोधी मंसूबे को पूरा करने के लिये 32 प्रतिशत आरक्षण का आधार बताने गठित नंनकीराम कमेटी का जिक्र न्यायलय में दिये गये हलफनामा में नही किया था। न्यायलय के समक्ष नंनकीराम कंवर कमेटी एवं सीएस के अध्यक्षता में गठित 32 प्रतिशत आरक्षण का आधार बताने वाले रिपोर्ट को भी आरक्षण विरोधी षडयंत्र के तहत ही प्रस्तुत भी नही किया। पूर्व रमन सरकार ने एक ओर जहां आदिवासी समाज को गुमराह किया था दूसरी ओर 32 प्रतिशत के आधार बताने के मामले में न्यायलय को भी अंधेरे में रखा था।