बेटी के लिए फिर वरदान बनेगी ‘सरस्वती’…विष्णु देव साय की सरकार फिर शुरू करने जा रही बंद हो चुकी चरण पादुका और सरस्वती साइकिल योजना

रायपुर 13 सितंबर 2024 रायपुर से लगे धरसींवा ब्लॉक के छोटे से गांव में रहने वाली पारुल साहू के गांव में मिडिल स्कूल तक की ही पढ़ाई होती है। इसके बाद आगे 9 वीं क्लास की पढ़ाई के लिए गांव के सभी बच्चों को साढ़े चार किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। पारुल साहू के घरवाले नहीं चाहते थे कि बेटी पैदल रोज इतनी दूर स्कूल आए-जाए। लिहाजा उन्होंने फैसला कर लिया था कि अब पढ़ाई बंद करके घर में कुछ सिलाई-कढ़ाई और घर का काम सीखे, ताकि शादी के बाद काम आए। लेकिन अब पारुल साहू के सपनों को पंख मिल गया है। क्योंकि विष्णु देव साय की सरकार ने अब फिर से स्कूली छात्राओं को फिर से साइकिल देने का फैसला किया है। पारुल अब आगे की पढ़ाई कर सकेगी, क्योंकि उसे स्कूल जाने के लिए सरस्वती साइकिल योजना से साइकिल मिलने जा रही है। छत्तीसगढ़ के सुदूर गांवों में रहने वाली ऐसी हजारों छात्राएं हैं, जिन्हें शिक्षा का संस्कार देने में सरस्वती साइकिल योजना अहम भूमिका निभाती आई है। इसीलिए छत्तीसगढ़ सरकार सरस्वती साइकिल योजना फिर से शुरू करने जा रही है। जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले दिनों इसकी घोषणा की थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आरंग में छात्रावास लोकार्पण के अवसर पर छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल का वितरण किया। मुख्यमंत्री साय के पहुंचने पर छात्राओं ने साइकिल की घंटी बजाकर अभिवादन किया।

 

मुख्यमंत्री ने छात्राओं को तिलक लगाकर मिठाई खिलाया। सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल पाने वाली आरंग की छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। सीएम साय ने छात्रा विनिता लोधी से पूछा कि बड़े होकर पढ़-लिखकर क्या बनना चाहोगी, छात्रा ने तत्काल कहा कि पुलिस बनकर जनता की सेवा करूंगी। सीएम ने शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला की 9 वीं कक्षा में अध्ययनरत बालिकाएं योगिता गडरिया, गायत्री निषाद, स्निग्धा निषाद, विनेश्वरी प्रजापति, निशा पाटले, इशा साहू देवकी साहू समेत कई छात्राओं को साइकिल दिया। साल 2011 में तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने इस महात्वाकांक्षी य़ोजना को शुरू किया था। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं क्लास की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। साइकिल देने का मकसद था कि स्कूल दूर होने पर भी छात्राएं अपनी पढ़ाई जारी रखें। सुविधाओं के अभाव में वह पढ़ाई नहीं बंद करें।

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आसान हुई शिक्षा की राह

सरस्वती साइकिल योजना के तहत 9 वीं कक्षा में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्ग के बीपीएल परिवार की बालिकाओं को साइकिल दी जाती है। ये योजना एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जो ना सिर्फ बेटियों को स्कूल आने-जाने में मदद करती है बल्कि बेटियों की शिक्षा की राह आसान है। बिंझुआ की अनुसूचित जनजाति वर्ग के कक्षा दसवीं में अध्ययनरत छात्रा गीता बारिक ने बताया कि उनके पास साइकिल नहीं होने के कारण पहले 4 किलोमीटर से पैदल चलकर स्कूल आती थी। अब 15 से 20 मिनट के कम समय में ही आसानी से स्कूल पहुंच जाती है। बोगदाखुर्द की द्रौपदी कहती है साइकिल नहीं होने की वजह से वे दूसरे सहेलियों के साथ स्कूल आना-जाना करती थी अब वे खुशी-खुशी स्कूल आना-जाना करती है। सुमन वर्मा कहती है कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रखकर अनेक प्रकार के योजनाएं संचालित की है।

 

फिर शुरू होगी चरण पादुका योजना

छत्तीसगढ़ के गरीब आदिवासियों को फिर से कपड़े के जूते और चप्पल सरकार की ओर से मुफ्त में मिलेंगे। तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को सरकार चरण पादुका योजना के तहत एक जोड़ी जूते देगी। 2005 में जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह थे, तो उन्होंने चरण पादुका वितरण योजना की शुरूआत की थी। लेकिन  2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हारकर सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस सरकार में लौट आई। इसके बाद कांग्रेस की सरकार ने चरण पादुका योजना को बंद कर दिया गया। अब फिर से 2023 में बीजेपी सरकार मे लौटी है और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने फिर से चरण पादुका योजना को शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों लोगों को राज्य सरकार द्वारा हर साल एक जोड़ी जूते देती है। पहले ये योजना सिर्फ पुरुषों के लिए थी। और साथ ही 2008 में इस योजना में महिलाओं को भी शामिल किया गया था। पहले इस योजना के तहत जूते दिए जाते थे। बाद में 2013 से जूते की जगह चप्पल मिलने लगी थी। जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ को फिर से शुरू करने की घोषणा की।

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एक परिवार से सिर्फ दो को मिलेगा लाभ

चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ 2024 का लाभ आवेदक लाभार्थी विभिन्न प्रकार से प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए। आवेदक लाभार्थी को जूते, चप्पल, छाता और कपड़े पानी का बोतल भी प्रदान किया जाएगा। चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ 2024 में पात्रता प्राप्त करने के लिए, आवेदक लाभार्थी को कुछ मुख्य बातों का ध्यान रखना होगा। इसके बाद आप आसानी से इस योजना में पात्रता के योग्य होंगे। इस योजना में पात्रता के लिए आवेदक का उम्र 18 वर्ष होना अनिवार्य है।

इस योजना में एक परिवार में से सिर्फ और सिर्फ दो लोगों को पात्रता दी जाएगी। चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ 2024 में आवेदन करने के लिए अभी इंतजार करना होगा। क्योंकि सरकार ने अभी सिर्फ घोषणा की है। सरकार की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कोई भी आधिकारिक वेबसाइट को लांच नहीं किया गया है। सरकार इसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी करेगी।

 

जरुरी दस्तावेज

चरण पादुका योजना छत्तीसगढ़ 2024 में आवेदन करने के लिए आपके पास कुछ मुख्य दस्तावेज होना चाहिए, जो इस प्रकार हैं। आधार कार्ड, बैंक खाता, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पान की खेती से जुड़े हुए आवश्यक दस्तावेज, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो।

 

गरीब कल्याण के लिए समर्पित सरकार: साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि केन्द्र सरकार की भांति छत्तीसगढ़ की सरकार भी गरीबो के कल्याण, विकास और खुशहाली के लिए समर्पित है। मोदी की गांरटी के तहत गांव गरीब, किसान, महिला, युवा आदिवासी पिछड़े सभी वर्ग के विकास के लिए योजना चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए उनकी सरकार ने बंद हो चुकी चरण पादुका और सरस्वती साइकिल योजना को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है।

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