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कोर्ट में शूटआउट: मुख्तार अंसारी के करीबी की गोली मारकर हत्या, हमलावर वकील की ड्रेस में पहुंचा

लखनऊ 7 जून 2023 लखनऊ के सेशन कोर्ट में गैंगस्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. गैंगस्टर का नाम संजीव जीवा बताया जा रहा है जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस शूटआउट में एक बच्ची को भी गोली लगी है, जिसे बलरामपुर के अस्पताल में भर्ती किया गया है.
वकीलों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई

घटना के बाद वकीलों में आक्रोश है. वकीलों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. चश्मदीद ने बताया कि हमलावर ने छह गोलियां चलाई थीं. कोर्ट परिसर में खून के घब्बे गिरे हुए हैं. दीवारों पर भी खून के धब्बे हैं. घटना के बाद पुलिस ने वहां से बॉडी को हटाया.
90 के दशक में जुर्म से जुड़ा जीवा

संजीव फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. अपराध की दुनिया में संजीव के कदम रखने की बात की जाए तो उसने सबसे पहले 90 के दशक में अपना वर्चस्व बनाना शुरू किया था. इसके बाद उसने आम लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन में भी अपनी आतंक फैलाना शुरू कर दिया.

कौन था संजीव जीवा?

संजीव महेश्वरी जीवा शामली जिले के रहने वाला था. अपराध की दुनिया में उसने 90 के शुरुआती दशक से रखी थी. उसके खिलाफ 22 से ज्यादा मामले दर्ज थे. उसे बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता है. शुरूआती दिनों में दवाखाने में कंपाउडर की नौकरी करता था. नौकरी के समय इसने दवाखाना के संचालक को अगवा कर लिया था. कोलकता में एक कारोबारी के बेटे को भी अगवा कर 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी. 10 मई 1997 को इसका नाम बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया. वो जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था. हाल ही में मुजफ्फरनगर में जीवा की करीब 4 करोड़ रुपये की कीमत की प्रॉपर्टी को जिला प्रशासन ने कुर्क किया था.

कौन थे ब्रम्हादत्त द्विवेदी?

ब्रम्हादत्त द्विवेदी बीजेपी के बड़े नेता थे. वे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के करीबी थे. प्रसिद्ध गेस्ट हाउस घटना के दौरान उन्होंने मायावती को बचाया था. 10 फरवरी 1997 को हत्या कर दी गई थी.

फिरौती में मांगे 2 करोड़ रुपए

संजीव अपने जीवन के शुरुआती जीवन में कंपाउंडर था. नौकरी करते वक्त ही उसके मन में अपराध ने जन्म ले लिया और संजीव ने दवाखाना संचालक का ही अपहरण कर लिया. इसके बाद उसके हौसले बुलंद होते गए और 90 के दशक में जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे को किडनैप कर लिया. इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसने फिरौती के एवज में दो करोड़ रुपए की मांग की. दो करोड़ मांगना उस समय सबसे बड़ी बात हुआ करती थी.

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