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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में कोई व्यावसायिक गतिविधियां नहीं…

नई दिल्ली 27 सितंबर 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल की परिधीय दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तुरंत रोकने का सख्त निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकने का आदेश दिया है और आगरा विकास प्राधिकरण को अपने निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। एक याचिका में यह मांग की गई थी।

जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने कहा कि आगरा विकास प्राधिकरण स्मारक की परिधि के 500 मीटर के दायरे में कोई भी व्यावसायिक गतिविधि न होने दे। पीठ ने न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करना संरक्षित स्मारक के हित में होगा। राव ने बताया कि शीर्ष अदालत ने मई 2000 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया था, लेकिन लंबे समय बीतने के मद्देनजर निर्देश को दोहराना ही उचित है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका पर दिए गए आदेश से ताजगंज पर संकट खड़ा हो गया है। ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में हैंडीक्राफ्ट शोरूम, दुकानें व होटल बड़ी संख्या में हैं। यहां व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाए जाने से हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी और वे बेरोजार हो जाएंगे।पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन ने ताजमहल के 500 मीटर की परिधि में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोकलगाने के लिए एडीए को निर्देश देने की मांग की थी।

ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी गेट पर दर्जन भर बड़े हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम हैं। कई होटल और रेस्टोरेंट्स यहां हैं। तीनों गेटों पर 100 से अधिक दुकानें हैं, जहां हैंडीक्राफ्ट्स आइटम, कपड़े, रोजमर्रा का सामान मिलता है। ताजमहल घूमने आने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटकों के सहारे यहां कारोबार चलता है। यहां व्यावसायिक गतिविधियां बंद किए जाने से पूरा ताजगंज ही संकट में आ जाएगा। हैंडीक्राफ्ट शोरूम संचालकों, होटल व रेस्टोरेंट संचालकों और दुकानदारों के साथ ही उनके यहां काम करने वाले सैकड़ों लोगों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। इस आदेश के बाद ताजमहल के आसपास रहने वाले लोगों की नींद उड़ चुकी है।

शीर्ष अदालत का यह आदेश ऐतिहासिक मकबरे के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हम उस प्रार्थना की अनुमति देते हैं – आगरा विकास प्राधिकरण को स्मारक ताजमहल की सीमा अर्थात परिधीय दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देता है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होगा”

पीठ ने न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव की दलीलों पर विचार किया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करना संरक्षित स्मारक के हित में होगा।

वाहनों की आवाजाही पर सख्त नियमों के अलावा स्मारक का 500 मीटर का दायरा एक नो-कंस्ट्रक्शन ज़ोन है। पूरे क्षेत्र में स्मारक के पास लकड़ी जलाने और नगरपालिका ठोस कचरा और कृषि अपशिष्ट पर भी प्रतिबंध है।

आवेदन दुकान मालिकों के एक समूह द्वारा दायर किया गया था, जिन्हें अपना व्यवसाय चलाने के लिए 500 मीटर के दायरे से बाहर एक क्षेत्र आवंटित किया गया था। उन्होंने अदालत को बताया कि ताजमहल के पास अवैध व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही हैं जो शीर्ष अदालत के पिछले आदेशों का घोर उल्लंघन है।

पर्यावरणविद् एमसी मेहता ने ताजमहल के संरक्षण, उसके आसपास के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (टीटीजेड) में निर्माण से संबंधित याचिका दायर की थी, जो एक “इको-सेंसिटिव एरिया” है, जिसमें ताजमहल सहित चार विश्व धरोहर स्थल हैं। मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।

शीर्ष अदालत ने 1984 में ताजमहल के संरक्षण और संरक्षण से संबंधित मामले को संज्ञान में लिया, जिसे मुगल सम्राट शाहजजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में 1631 में बनवाया था।

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