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नगरीय निकाय की लापरवाही की सजा भुगत रहे शिक्षाकर्मी , 61 निकायों ने काटी थी पेंशन के नाम पर शिक्षाकर्मियों के वेतन से राशि लेकिन NSDL के खाते में कभी पहुंची ही नहीं राशि!

रायपुर 23 मई 2022।

प्रदेश में नगरीय निकाय के अंतर्गत कार्य कर रहे शिक्षाकर्मियों के मामले में कितनी अनियमितता है इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के 68 निकायों में से केवल 7 निकायों ने ही अपने अंतर्गत काम करने वाले शिक्षाकर्मियों के अंशदान की राशि और उनकी जानकारी उच्च कार्यालय को भेजी है और 61 निकायों ने संबंधित शिक्षकों की जानकारी और बैंक में जमा राशि की पावती संचालनालय को प्रेषित ही नहीं किया जिसके चलते विभाग द्वारा उनकी राशि एनएसडीएल को भेजी ही नहीं जा सकी ।

इधर शिक्षकों के संगठन सर्व शिक्षक संघ ने लगातार इस मामले में उच्च कार्यालय को अवगत कराया की नगरीय निकाय के शिक्षकों की राशि तो उनके खाते से काट ली गई है पर उनके एनपीएस अकाउंट में दिख नहीं रही है । इधर नगरीय प्रशासन विभाग संचालक ने जब इस मामले की पूरी तहकीकात की तो उन्हें पता चला कि उच्च कार्यालय से बार-बार निम्न कार्यालयों को पत्र भेजा गया है और निर्देश भी दिए गए हैं बावजूद इसके निम्न कार्यालय ने कभी जानकारी भेजी ही नहीं जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई है , इधर शिक्षाकर्मियों का संविलियन भी हो चुका है और एनपीएस योजना भी खत्म की जा चुकी है , ऐसे में यदि अब इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो मामला न्यायालय या ऑडिट प्रक्रिया में फंस सकता है जिसका जिक्र पत्र में भी किया गया है । पूरे मामले में एक बार फिर संचालक ने सभी निकायों को पत्र भेजकर 7 दिन के भीतर सारी जानकारी मांगी है ।
इधर पूरे मामले से अवगत कराते हुए सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने बताया कि

” मामला बहुत ही गंभीर है और वास्तव में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि शिक्षकों के खाते से तो राशि काटी गई किंतु उसकी जानकारी कभी ऊपर भेजी ही नहीं गई जिसके चलते राशि एनएसडीएल में जमा नहीं हो सकी और इसका ब्याज भी नहीं बना स्वाभाविक बात है कि इसका सीधा नुकसान सरकार और कर्मचारी दोनों को हुआ है और यह गड़बड़झाला आगे भी चलता रहता , हमने लगातार उच्च कार्यालय को इस विषय से अवगत कराया और उनके द्वारा भी निम्न कार्यालय से जानकारी कई बार मांगी गई पर निम्न कार्यालय ने जानकारी भेजी ही नहीं । अब चुकी संविलियन हो चुका है और एनपीएस भी खत्म हो रहा है ऐसी स्थिति में विभाग को हर हाल में राशि जमा दिखाकर वापस लेनी होगी , जरूरत है इस बात की कि शासन और कर्मचारियों को जो नुकसान हुआ है और निचले स्तर के जिन अधिकारियों द्वारा जानबूझकर लापरवाही की गई है उन पर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति पे रोक लगे ।

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