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हाईकोर्ट : प्रमोशन मामले में हाईकोर्ट ने जारी किया PHE सचिव को नोटिस जारी….डाटा इंट्री आपरेटर से सहायक प्रोग्रामर पद पर प्रमोशन मामला….

बिलासपुर 20 मई 2022। जल संसाधन विभाग में सहायक पद प्रोग्रामर के पद पर पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया है। सरगुजा संभाग के अंबिकापुर, सूरजपुर, जशपुर, बलरामपुर जिले में जल संसाधन विभाग में कार्यरत करीब 10 डाटा एंट्री ऑपरेटर को सहायक प्रोग्रामर के पद पर पदोन्नति दी जानी थी, लेकिन नियमों और प्रक्रियाओं का हवाला देकर उन्हें प्रमोशन से दूर कर दिया गया। यही नहीं सहायक प्रोग्रामर के पदों पर शत प्रतिशत सीधी भर्ती से भरने की विभाग ने तैयारी कर ली। इससे नाराज होकर डाटा इंट्री आपरेटर के पद पर काम कर रहे कर्मचारियों ने होईकोर्ट में याचिका लगायी। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रतिभागियों को नोटिस जारी किया है।

अंबिकापुर में कार्यरत जितेंद्र कुमार पांडे, राजेश राजवाड़े, मोहन विश्वकर्मा, सुधीर कुजूर, विरोनिका बरवा, सूरजपुर में दीपक आनंद झा, विजय साहू, जशपुर में उमेश साहू, बलरामपुर में रवीश कुमार और संगीत सिंह सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं, जिनकी परिवीक्षा अवधि 2 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद बाकायदा स्थाईकरण और नियमितीकरण हो चुका था । परंतु सहायक प्रोग्रामर के पद पर भर्ती के लिए सीधी भर्ती निर्धारित कर दी गई। दरअसल जल संसाधन विभाग के भर्ती नियम 2015 के अनुसूचित के मुताबिक सहायक प्रोग्रामर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए वेतनमान का निर्धारण भी 2015 वाले नियमों के तहत किया गया था। डाटा एंट्री नियमित पदों पर करीब 8 वर्षों की सेवा के बावजूद ऑपरेटरों के लिए आगामी सहायक प्रोग्रामर के प्रमोशन में कोई ऐसा प्रावधान इस दोनों में उल्लेखित नहीं था ।

सभी याचिकाकर्ता समयमान वेतनमान अथवा क्रमोन्नत वेतनमान  9300-34800+ग्रेड पे 4300 का भी लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने अपने संबंध अधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा कर प्रमोशन के लिए आवेदन किया। याचिकार्ताओं ने परिवहन सेवा भर्ती नियम 2013 का जिक्र किया। जिसमें 5 वर्ष की सेवा के बाद डेटा इंट्री आपरेटर को प्रमोशन कर सहायक प्रोग्रामर के पद पर प्रमोशन देने का 50 प्रतिशत पद का प्रावधान है।

सहायक प्रोग्रामर के पदों पर सीधी भर्ती के कारण याचिकाकर्ता नाराज थे। इसे लेकर याचिकाकर्ताओं समय-समय पर अधिकारियों को सहायक प्रोग्रामर के पदोन्नति के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई नहीं होते देख याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में रिट याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से हाईकोर्ट में लगाया। अधिकवक्ता मतीन सिद्दीकी ने याचिका में मुख्य आधार को उठाते हुए दलील दी कि 2017 में कोष, लेखा एवं पेंशन के संचालक ने भी सहायक प्रोग्रामर के पद पर पदोन्नति दी थी। इससे पहले 2014 में राज्य सरकार ने कई आपरेटर को सहायक प्रोग्रामर्स के रूप में प्रमोशन दिया था। सितंबर 2021 में जीएडी के सचिव को सूरजपुर जिला के संयुक्त कलेक्टर ने अभ्यावेदन किया था, जो लंबित है।

हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान 13 मई 2022 को न्यायमूर्ति पी सैम कोशी की बेंच ने इस रिट याचिका की सुनवाई करते हुए जल संसाधन विभाग के सचिव , मुख्य अभियंता आदि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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