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वित्त के निर्देश से शिक्षकों को लगा बड़ा झटका: वीरेंद्र दुबे बोले, पूर्व सेवा मान जब संविलियन दिया तो पेंशन पर क्यों नहीं? कटौती 2012 से और लाभ 2018 से, ये कैसी नीति..?

शिक्षकों के हितों पर हुआ कुठाराघात: न पूर्व की सेवा का रखा ध्यान और न ही पेंशन की पात्रता मानकर कटौती करने वाले वर्ष से दिया पुरानी पेंशन,शालेय शिक्षक संघ की मांग-पेंशन के मामले में हो पूर्व सेवा की गणना

रायपुर 25 जून 2024। पुरानी पेंशन योजना को लेकर एलबी शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। वित्त मंत्री ने दो टूक कह दिया है कि संविलियन तिथि से ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इस आदेश के बाद शिक्षकों की चिंताएं बढ़ गयी है। वहीं शिक्षक संगठन अब इस मामले में मुहिम छेड़ने की तैयारी में है। शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि वित्त विभाग के आदेश में संविलियन प्राप्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन व समस्त हितलाभ संविलियन वर्ष से दिए जाने की बात कही गयी है।  साथ ही पत्र में ये भी उल्लेख है कि सेवानिवृत्ति के समय, संविलियन वर्ष से पुरानी पेंशन लागू तिथि तक के शासकीय अंशदान मयब्याज़ जमा करने पर ही उनको पेंशन अधिकार पत्र दिया जाएगा।

इस निर्देश के बाद शिक्षक संगठनों की नाराजगी बढ़ गयी है। वित्त विभाग के इस निर्देश से स्पष्ट है कि इससे समस्त संविलियन प्राप्त शिक्षकों की वर्षो की सेवा शून्य हो जायेगी। 2012 से पेंशन के योग्य मानकर शिक्षकों की पेंशन कटौती चल रही है। उसे भी सरकार दरकिनार किया जा रहा है। सरकार की बातों से स्पष्टता है कि 2018 से ही पुरानी पेंशन की लाभ दिया जायेगा। ये निर्णय प्रदेश के 2 लाख संविलियन प्राप्त शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है। वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि शासन से मांग है कि पूर्व की सेवा गणना कर जिस तरह से शिक्षकों का संविलियन कराया था, उसी तरह से पुरानी पेंशन के लिए भी पूर्व सेवा की गणना करें।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने प्रदेश के समस्त शिक्षक संगठनों से अपील किया कि इस मुद्दे पर सभी संगठनों को एकमत होकर एकजुट होकर शासन के समक्ष अपनी मांग रखनी चाहिए।प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने पुरानी पेंशन योजना से संविलयन प्राप्त शिक्षकों को होने वाले नुकशान की जानकारी देते हुए बताया कि संविलियन वर्ष से पुरानी पेंशन की गणना करने से किसी भी संविलियन प्राप्त शिक्षक को पूर्ण पेंशन नही मिल पायेगा, वहीँ हजारों शिक्षक, न्यूनतम पेंशन हेतु 10 वर्ष की सेवा बाध्यता की वजह से न्यूनतम पेंशन भी नही पा सकेंगे,क्योंकि वे संविलियन वर्ष से गणना करने और उनकी सेवानिवृति होते तक की समयावधि 10 वर्ष से कम है अतः वे किसी भी तरह के पेंशन से वंचित हो रहे हैं। शासन , संवेदनशीलता के साथ पुनर्विचार करे और पेंशन के मामले में पुरानी सेवा की गणना करने का निर्णय जरूर ले।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,कैलाश रामटेके,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा,द्वारिका भारद्वाज,खेमन साहू, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

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