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मलेरिया घोटाले में CBI ने अफसर-व्यापारी को बनाया आरोपी…बीएल अग्रवाल भी शामिल.. कांग्रेस ने मच्छरदानी घोटाले में रमन-अमर से भी पूछताछ की मांग की.

रायपुर, 5 जनवरी। सीबीआई ने बहुचर्चित मलेरिया घोटाला प्रकरण की गुरुवार को विशेष अदालत में चालान पेश कर दिया। हैं। इस प्रकरण में तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव समेत 11 अफसरों-सप्लायरों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश ममता पटेल की अदालत में दवा खरीदी में घोटाला केस पर चालान प्रस्तुत किया।सीबीआइ की चार्जशीट में पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीएल अग्रवाल, तत्कालीन संयुक्त निदेशक (मलेरिया) डा. प्रमोद सिंह, तत्कालीन निदेशक, स्वास्थ्य निदेशालय डा. डीके सेन, तत्कालीन संयुक्त निदेशक (भंडार) डा. बीएस शार्वा, तत्कालीन भंडार अधिकारी पंचभाई, तत्कालीन स्टोरकीपर एसएल पटेल, संचेती अग्रवाल एंड कंपनी चार्टर्ड के मालिक लेखपाल एसके अग्रवाल आदि के नाम शामिल हैं।

भाजपा शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग में मलेरिया के लिए खरीदी गई सामग्री में हुए करीब चार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में आरोपित बनाए गए विभागीय अफसरों और व्यापारियों को गुरुवार को रायपुर की विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में सीबीआइ ने 11 नामजद आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट भी पेश की। सीबीआइ की कोर्ट ने सभी आरोपितों को गुरुवार की सुबह 10.30 बजे उपस्थित होने का निर्देश पत्र जारी किया गया था।

सीबीआइ की इकोनामिक अफेंस विंग ने कोर्ट में पेश किए गए आरोप पत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करते हुए 2005-2006 में मलेरिया नियंत्रण के लिए सरकार से प्राप्त करीब चार करोड़ रुपये की अनुदान सहायता राशि का गबन करने का उल्लेख किया है।

170 करोड़ के मच्छरदानी घोटाले में रमन-अमर से भी हो पूछताछ-कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सीबीआई, रमन सरकार में हुये एनआरएचएम के 170 करोड़ के मच्छरदानी खरीद घोटाले में दोषी अधिकारियों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से भी पूछताछ करें। इतने बड़े घोटाले में रमन सिंह और अमर अग्रवाल को संदेह के दायरे से अलग रखना इस बात का प्रमाण है कि सीबीआई भाजपाई सत्ताधीशों को बचाना चाहती है। यूपीए के मनमोहन सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन की राशि से आदिवासी इलाकों में मलेरिया रोकने हेतु मच्छरदानी खरीदी करने भारी राशि रमन सरकार को दी थी, लेकिन वो राशि भी तत्कालीन रमन सरकार की कमीशनखोरी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सीबीआई को मच्छरदानी खरीदी घोटाला की शिकायत की जांच में भारी भ्रष्टाचार मिला है। सीबीआई ने अभी अदालत में चार्ज शीट प्रस्तुत कर मच्छरदानी सप्लाई करने वालों को सीबीआई न्यायालय में उपस्थित होने का फरमान जारी किया है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार की संलिप्तता के बैगर मच्छरदानी खरीदी में इतना बड़ा झोलझाल घोटाला सम्भव नही है। रमन सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने दवा खरीदी घोटाला, स्वास्थ्य चिकित्सा के उपकरण खरीदी घोटाला, मेडिकल घोटाला, एंबुलेंस खरीदी घोटाला, भर्ती घोटाला सहित अनेक घोटाले हुए हैं। पूर्व के रमन सरकार के दौरान कोई ऐसा विभाग नहीं बचा था कोई ऐसा कार्य नहीं था जिसमें रमन सरकार के मंत्री भाजपा के नेता कमीशनखोरी भ्रष्टाचार नहीं किए हो। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व के रमन सरकार के दौरान हुए 36 हजार करोड़ के नान घोटाला, चिटफंड घोटाला और पनामा पेपर्स घोटाले की शिकायत ईडी से की है। ईडी को भी उन शिकायतों की जांच तत्काल कर भ्रष्टाचारियां एवं कमीशनखोरों को सलाखों के पीछे भेजना चाहिये। रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति की मामले की जांच की शिकायत पर पीएमओ भी जल्द कार्यवाही करें।

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