क्राइम

इंजीनियर को फिरौती के लिए किया गया था किडनैप……शोर मचाने लगा तो कर दी हत्या…. 65 दिन बाद ऐसे खुला राज

दुर्ग 11 फरवरी 2022। …. इजीनियर शिवांग चंद्राकर का मर्डर किडनैपिंग के लिए हुआ था। 65 दिन बाद इंजीनियर मर्डर केस में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दुर्ग के पुलगांव थाने में 7 दिसंबर 2021 को शिवांग चंद्राकर के गायब होने की सूचना दी गयी थी। घटना के करीब 1 महीने बाद पुलगांव के झरझरा पुल के पास इंसानी हड्डी और खोपड़ी के अलावे कपड़े होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने जब शिनाख्ती करायी तो वो शव शिवांग का होना प्रतीत हुआ, जिसके बाद पुलिस की टीम ने इस मामले में मर्डर के एंगल से जांच शुरू की।

पुलिस ने इसम मामले में करीब दो महीने की तफ्तीश के बाद तीन आरोपियोंको पकड़ा है। तीनों ने इस बात को कबूल किया है कि फिरौती के मकसद से तीनों ने शिवांग का किडनैप किया था, लेकिन अपहरण के बाद कुछ आगे का रास्ता नहीं दिखने पर उन्होंने अपहृत शिवांग की हत्या कर दी। आरोपियों ने इस बात को कबूल किया कि 30 लाख फिरौती वसूली का उनका इरादा था, ताकि पूरी जिंदगी शान-शौकत से जी सके।

अशोक देशमुख, विक्की उर्फ मोनू देशमुख और बसंत कुमार साहू नाम के आरोपियों ने मिलकर 6 दिसंबर को शिवांग चंद्राकर के अपहरण की योजना बनायी थी। शिवांग चंद्राकर जब शाम में घर जा रहा था, तो उसी दौरान अशोक देशमुक ने शिवांग की बाइक को रोकवाया, इसी दौरान बिक्की और बसंत पीछे से आ गये और तीनों ने मिलकर शिवांग को कसकर पकड़ लिया और फिर रस्सी से बांध दिया। शिवांग ने जब शोर मचाने की कोशिश की, तो रस्सी से उसका गला घोंट दिया। इसी दौरान एक गाड़ी को पास आता देख शिवांग के शव को छुपा दिया और फिर शिवांग चंद्राकर को उठाकर अशोक देशमुख की गाड़ी के डिग्गी में डालकर झरझरा पुल के पास हार्वेस्टर के चक्के से बने गढ्ढे में डाल दिये और मिट्टी, पैरा व पत्थर से ढक दिये, शिवांग चंद्राकर के पैंट शर्ट बैग को झरझरा पुलिया के पास अशोक जला दिये, उसके बाद घटना मे प्रयुक्त नायलोन रस्सी मृतक का हेलमेट व मोबाईल को बसंत साहू डोगिंया तालाब में फेंक दिया है । घटना में प्रयुक्त पत्थर व मृतक की चप्पल को विक्की आस – पास के खेत मे फेंक दिया है ।

पुलिस ने सीसीटीवी और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों तक पहुंची।

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