हेडलाइन

2000 के नोट बंद करने के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, RBI ने दी ये दलील

नयी दिल्ली। 2000 से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से 2 हजार रुपये के नोट बंद करने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार (30 मई) को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायधीश सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिकाकर्ता और आरबीआई के पक्ष को सुनने के बाद इस जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि रिजर्व बैंक किसी बैंक नोट को परिचालन से नहीं हटा सकता और यह शक्तियां केंद्र सरकार में निहित हैं। दो हजार के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले के खिलाफ रजनीश भास्कर गुप्ता ने जनहित याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि किसी भी मूल्य के बैंक नोट को जारी नहीं करने या उसका परिचालन रोकने का स्वतंत्र अधिकार आरबीआई के पास नहीं है और आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 24(2) के तहत यह शक्ति केंद्र सरकार में निहित है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से तर्क दिया गया कि आरबीआई अधिनियम की धारा- 22 और 27 के तहत केंद्रीय बैंक का अधिकार केवल नोट जारी करने और पुन: जारी करने तक सीमित है, लेकिन ऐेसे नोटों का इस्तेमाल करने की अवधि केंद्र सरकार के माध्यम से तय की जाती है।

जिसके जवाब में आरबीआई ने कहा कि वह दो हजार रुपये के नोट केवल परिचालन से वापस ले रहा है, जो ‘मुद्रा प्रबंधन प्रणाली’ का हिस्सा है और आर्थिक नीति का मामला है। वरिष्ठ अधिवक्ता पराग पी त्रिपाठी ने कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही इसी परिपत्र/अधिसूचना को लेकर दायर एक अन्य जनहित याचिका को खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक एक ही मामले पर कई जनहित याचिका नहीं हो सकती। कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Back to top button