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“जो जमीं नारी सशक्तीकरण के आंदोलन का गवाह, वहां महिलाओं पर अत्याचार?” बंगाल में महिला अत्याचार पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का ममता बनर्जी को पत्र, लिखा, तुष्टीकरण व वोट की राजनीति के लिए ऐसा कृत्य असहनीय

जो जमीं नारी सशक्तीकरण के आंदोलन रायपुर 27 फरवरी 2024। पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी से माताओं-बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील के साथ-साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और राजनीतिक संरक्षण बंद करने की भी अपील की है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल में पिछले कई दिलों ने माताओं-बहनों के साथ अन्याय की जो घटनाएँ हो रही है। ऐसी घटनाओं को हृदयविदारक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से मन को पीड़ा पहुंचती है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि आपके प्रदेश के संदेशखाली क्षेत्र में 50 से अधिक जनजाति समुदाय की महिलाओं से दुष्कर्म एवं हजारों आदिवासियों से उनकी जमीन छीन लेने, यहां तक की मनरेगा की मजदूरी तक का पैसा छीन लेने जैसी वारदातों ने मानवता को कलंकित किया है। राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने जो रिपोर्ट दिए हैं, वह वीभत्स और भयानक है। इतिहास गवाह है. नारी सशक्तीकरण का आंदोलन बंगाल प्रांत से प्रारंभ हुआ था। स्वामी विवेकानंद, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी, गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमि बंगाल, जिसकी सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व जानता है, ऐसे जागरूक राज्य में समा के वचित तबकों के साथ हो रहे अत्याचार को सभ्य समाज सहन नहीं कर सकता है।

ऐसी अवस्था आपके नेतृत्व में हो, यह निहायत ही निंदनीय है। महज तुष्टीकरण और वोट की राजनीति के कारण इस तरह प्रदेश में आदिवासियों का जीवन संकट में डालना, उनके सम्मान और जान-माल के साथ हो रहा खिलवाड़ असहनीय है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री होने के नाते आपसे आशा है कि कड़ा हस्तक्षेप कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश देकर दोषियों को कड़ी सजा प्रदान करेंगी। शाहजहा सिराजुददीन जैसे अपराधियों के साथ उनके राजनीतिक सरंक्षणकर्ताओं के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई करने का आग्रह आपसे करता हूं। आशा है मानवता के हित से जुड़े इस मामले में आप अब भी राजनीतिक गुना-भाग से ऊपर उठ कर निर्णय लेंगी।

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