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बहकावे का शिकार बन गया सहायक आरक्षक के परिजनों का आंदोलन……शाम तक बैठक से थे संतुष्ट, लेकिन सोशल मीडिया के मैसेज और कार्रवाई का डर दिखाकर आंदोलनकारियों को ऐसा भड़काया….कि बैठ गये सड़क पर

रायपुर 7 दिसंबर 2021। सहायक आरक्षक के परिजन बहकावे का शिकार हो गये हैं। आंदोलन के लिए रायपुर पहुंचे परिजन डीजीपी के साथ बातचीत के बाद संतुष्ट हो गये थे, लेकिन शाम होते-होते कुछ अफवाहें ऐसी फैलायी गयी कि परिजनों को पूरी तरह से भ्रमित कर दिया। DGP के साथ बातचीत में सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार के बाद देर शाम अचानक से सहायक आरक्षक के दो सौ से ज्यादा परिजन सड़क पर बैठ गये हैं। अचानक से परिजनों के रूख में आये इस बदलाव के बाद आशंका जतायी जा रही है कि भीड़ में कुछ ऐसे भी लोग शामिल हैं, जो सीधे-साधे सहायक आरक्षक के परिजनों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। शाम की बैठक के बाद सब कुछ सामान्य होने के बाद अचानक से देर शाम माहौल बिगड़ा, लिहाजा चौकना लाजिमी हो गया है। अभनपुर के गुरुकृपा होटल के सामने सभी सहायक आरक्षक के परिजन बैठे हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं। कहा ये भी जा रहा है कि सड़क पर बैठे कई लोग नशे में भी थे।

हैरानी की बात ये है कि आज शाम डीजीपी के साथ बैठक में परिजन सरकार के आश्वासन से पूरी तरह सहमत हो गये थे। सरकार ने अपनी तरफ से हर तरह के आश्वासन और मांगों को पूरा करने की बात तक कही थी। आरक्षक के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप योजना, सम्मान निधि सहित कई तरह के ऐलान भी किये थे। जिस वक्त डीजीपी के साथ सहायक आरक्षक के परिवार के लोगों के वार्ता हो रही थी, उस दौरान सभी परिजन संतुष्ट भी नजर आ रहे थे, लेकिन अचानक से सोशल मीडिया में चले कुछ मैसेज ने शांत-सरल पुलिस परिजनों के परिवार को भड़का दिया।

सोशल मीडिया में चले कुछ मैसेज से भड़काया गया

वार्ता के बाद सोशल मीडिया में कुछ ऐसे मैसेज वायरल हुए, जिसके जरिये वार्ता को गलत करार देने की कोशिश की गयी। कहा ये भी गया कि वार्ता में कुछ नहीं हुआ, सिर्फ चाय-नाश्ता करके सभी चले आये, जबकि वार्ता में हुई बातचीत को सरकार ने सार्वजनिक भी किया। राज्य सरकार ने परिजनों और सहायक आरक्षकों के बच्चों को लेकर किये गये ऐलान की जानकारी भी दी, बावजूद अफवाहों ने पुलिस परिजनों का भ्रमित कर दिया। कहा ये जा रहा है कि परिजनों के मन में ये डर भी डाला गया है कि आंदोलन की समाप्ति करते ही पदस्थ आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, जबकि ऐसा कुछ अभी तक कोई निर्देश नहीं है।

आरक्षकों के परिजनों को दिया गया था आश्वासन

आज डीजीपी के साथ हुई बैठक के बाद परिजनों के लिए कई सारी घोषणाएं की गयी।पुलिस विभाग में प्रचलित डीजीपी मेरिट स्कॉलरशिप योजना तथा सम्मान निधियों का नाम पुलिस विभाग के शहीदों के नाम पर रखा जाये । मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के पालन में डीजीपी मेरिट स्कॉलरशिप योजना का नाम परिवर्तित कर शहीद विनोद कुमार चौबे मेरिट स्कॉलरशिप योजना किया गया है । उक्त योजना में पुलिस परिवार के अध्ययनरत बच्चों को 10वीं बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने पर 2 हजार रूपये प्रतिमाह 2 वर्ष तक, 12वीं कक्षा में 80 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने पर 3 हजार रूपये प्रतिमाह स्नातक स्तर तक की शिक्षा हेतु प्रदान किये जा रहे हैं। पुलिस परिवार के बच्चों को भारत के किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान से स्नातकोत्तर शिक्षा पूर्ण करने हेतु छात्र-छात्राओं को 5 हजार रूपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस विभाग के शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली शहीद सम्मान निधि का नाम परिवर्तित कर शहीद भास्कर दीवान सम्मान निधि एवं सामान्य प्रकरणों में सेवानिवृत्ति पर प्रदान की जाने वाली सेवा सम्मान निधि का नाम परिवर्तित कर शहीद राजेश पवार सम्मान निधि किया गया है । यह उल्लेखनीय है कि शहीद सम्मान निधि के रूप में परिवारजनों को 5 लाख रूपये एवं सेवा सम्मान निधि के रूप में सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को 2 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है ।

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