दिव्यांगों को IPS के लिए आवेदन करने की सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम इजाजत…..RPF और DANIPS के लिए भी कर सकते हैं आवेदन … कोर्ट ने कहा…..
नयी दिल्ली 26 मार्च 2022। सुप्रीम कोर्ट ने UPSC परीक्षा पास करने वाले दिव्यांग उम्मीदवारों (Disabled Candidates) को भी IPS, RPF और DANIPS में नौकरी के लिए आवेदन जमा करने की अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद यह लोग 1 अप्रैल को शाम 4 बजे तक आवेदन दे सकते है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यह अंतरिम आदेश है. यह लोग सेवा में लिए जाएंगे या नहीं, यह अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा. सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा, और दिल्ली, दमन और दियू, दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप पुलिस सेवा में चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग में अंतिम रूप से आवेदन करने की अनुमति दी गई है.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और अभय एस ओका की पीठ ने एनजीओ नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स द्वारा दायर एक रिट याचिका में अंतरिम आदेश पारित किया है. बता दें कि IRMS की 150 वैकेंसी में से 6 दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रखी गई है. IRMS की नई वैकेंसी के लिए वही योग्यता है, जो सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए रखी गई है.
यूपीएससी ने 2 फरवरी को सिविल सेवा परीक्षा 2022 का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें इस साल के लिए 861 वैकेंसी थीं. हालांकि अब रेलवे की 8 सेवाओं को मिलाकर एक कैडर IRMS ग्रुप ए बनाया गया है और इसमें भर्तियां सिविल सेवा परीक्षा के जरिए होंगी.
हाल ही में इसकी अधिसूचना जारी की गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार ने याचिकाकर्ताओं और इसी तरह के पदों पर बैठे व्यक्तियों को अगले सप्ताह तक यूपीएससी के महासचिव को अपना आवेदन पत्र जमा करने की अनुमति देने के लिए एक अंतरिम आदेश की मांग की और प्रस्तुत किया कि उनके दावे पर विचार किया जा सकता है.
आदेश को चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप न माना जाए
पीठ ने कहा कि वह अंतरिम प्रार्थना को ‘उचित’ मानती है। लिहाजा पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं और उनकी तरह के अन्य लोग एक अप्रैल तक आवेदन जमा करा सकते हैं। पीठ ने साफ किया कि एक अप्रैल को शाम चार बजे के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि वर्तमान में चल रही चयन प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। इसके बाद पीठ ने स्पष्ट किया कि इस आदेश को चल रही चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। मामले पर अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।