शिक्षक/कर्मचारी

जिस शिक्षक की याचिका पर लगी प्रमोशन पर रोक…..उसे फेडरेशन ने कर दिया बर्खास्त…. पढ़िये क्या लिखा कार्रवाई को लेकर ….

रायपुर 11 फरवरी 2022। सीनियरिटी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले शिक्षक नीलम मेश्राम को फेडरेशन ने संगठन से निष्कासित कर दिया है। कल नीलम मिश्राम एवं अन्य शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए शिक्षक और प्राथमिक शाला के हेडमास्टर के प्रमोशन पर आगामी आदेश तक रोक लगाने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने इस मामले में 21 फरवरी तक राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। दरअसल सीनियरिटी का स्पष्ट निर्धारण ना होने को चुनौती देते हुए नीलम मेश्राम और अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कोंडागांव जिले के शिक्षक नीलम मेश्राम सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिला उपाध्यक्ष भी है। जैसे ही उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रमोशन रोकने का आदेश दिया, पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया, जिसके बाद कोंडागांव के जिलाध्यक्ष दीपक प्रकाश ने नीलम मेश्राम को फेडरेशन के पद से हटाते हुए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।

सोशल मिडिया में अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मैसेज पोस्ट किया है और लिखा है …

“नीलम मेश्राम जिला उपाध्यक्ष रहते हुए अपने लाभ के लिए कोर्ट गये, जबकि नेता दूसरों के लिए कार्य करते हैं। जिला को बिना सूचना दिये आपने जो कार्य किया है, वो अनुशासनहीनता को दर्शाता है। अत: आपको सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है। आपके द्वारा हजारों सहायक शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है”

याचिका में कहा गया था कि संविलियन के बाद सीनियरिटी का कोई स्पष्ट निर्धारण नहीं किया गया है। लिहाजा हर संभाग अपने-अपने स्तर से सीनियरिटी का निर्धारण कर प्रमोशण की प्रक्रिया कर रहे हैं। लिहाजा कई सारे शिक्षकों का हित प्रभावित हो रहा है। अनुच्छेद का उल्लंघन बताते हुए अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने इसकी पैरवी की।

मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिक्षक और हेडमास्टर के प्रमोशन पर रोक लगाने का आदेश दिया। इससे पहले ई काडर की याचिका पर मिडिल स्कूल के हेडमास्टर और व्याख्याता के पद पर प्रमोशन पर पहले ही हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।

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