शिक्षक/कर्मचारी

ग्रीष्मावकाश बढ़ाने की मांग: फेडरेशन ने कहा- बंगाल से ज्यादा छत्तीसगढ़ में है गरमी, लू और धूप, यहां भी ग्रीष्मावकाश बढ़ाये…. बच्चों के स्वास्थ्य हित में शिक्षा विभाग व DPI से संज्ञान लेने की मांग

रायपुर 14 जून 2022। सूरज तप रहा है…प्रचंड गरमी से त्राहिमाम है…बारिश की दूर-दूर तक अभी संभावना नहीं है…ऐसे में दो दिन बाद ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल का खुलना कहीं बच्चों को कहीं मुसीबत में डाल दे। इसी भीषण गरमी को देखते हुए पश्चिम बंगाल की ममत सरकार ने 16 जून के बजाय स्कूलों को 26 जून से खोलने का फैसला लिया है। इस बाबत पश्चिम बंगाल में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।

बंगाल से ज्यादा तापमान छत्तीसगढ़ का है, ऐसे में झारखंड में भी शिक्षक संगठनों ने बच्चों के स्वास्थ्य हित को देखते हुए स्कूलों में गरमी छुट्टी को बढ़ाने की मांग की है। सहायक शिक्षक फेडररेशन ने पश्चिम बंगाल की तर्ज पर स्कूल खुलने के तिथि पर सक्रिय मानसून आने तक पुनर्विचार करने की  मांग की है। फेडरेशने कहा है कि अगर इस भीषण गरमी में स्कूल खोला गया तो इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा और प्रांतीय प्रवक्ता व धमतरी जिला अद्ध्यक्ष हुलेश चन्द्राकर ने कहा है कि स्कूल खुलने अब सिर्फ दो दिन का वक्त बचा है, लेकिन गरमी का कहर थमता नहीं दिख रहा है। ऐसे में राज्य शासन को पश्चिम बंगाल की भांति छत्तीसगढ़ में भी मानसून आने में देरी की आशंकाओं के बीच बच्चों के स्वस्थ्य हित का ख्याल रखते हुए ग्रीष्मावकाश बढ़ाने की मांग की है।

मनीष मिश्रा और हुलेश चंद्राकर ने मांग की है कि अभी भी कई स्कूलों में बच्चे दूर दराज से आते हैं, ऐसे में अगर बच्चों को इस भीषण गरमी में बुलाया गया तो बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड सकता है। फेडरेशन ने राज्य सरकार को कम से कम 1 सप्ताह तक के लिए स्कूल खुलने के समय को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग और डीपीआई से संज्ञान लेकर इस मामले में विचार की मांग की है।

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