बिग ब्रेकिंगशिक्षक/कर्मचारी

डबल स्नातक प्रकरण बन रहा अधिकारियों के गले की फांस ! जेडी के मार्गदर्शन पत्र से समझिये कितना गंभीर है मामला ….NW न्यूज 24 की जानकारी पर एक बार फिर लगी मुहर

रायपुर 19 मार्च 2022। प्रमोशन में डबल स्नातक को मान्यता दी जाए या नहीं , इस मामले को लेकर अधिकारी भी ऊहापोह की स्थिति में है। यही वजह है कि जिला शिक्षा अधिकारी उच्च अधिकारियों को मार्गदर्शन पत्र भेजकर इसके संबंध में निर्देश चाहते हैं, लेकिन लगातार मामले को उलझता देख अब उच्च अधिकारी भी स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं देना चाहते, बल्कि वह उन्हीं नियम कायदों में जिला शिक्षा अधिकारी को उलझाना चाहते हैं जिसकी संभावना NW न्यूज़ 24 ने पहले ही व्यक्त कर दी थी ।

हमने प्रमोशन के प्रारंभिक दौर में ही विषय विशेषज्ञ और शिक्षक नेता विवेक दुबे से जब इस संबंध में सवाल पूछा था तो उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था की यदि किसी अभ्यर्थी ने विभाग से विधिवत अनुमति लेकर डबल स्नातक किया है तो सीधी सी बात है कि उनके स्नातक को स्वीकार करना विभाग की जिम्मेदारी है, क्योंकि अभ्यर्थी का इसमें पैसा और समय दोनों खर्च हुआ है और यदि डबल स्नातक का प्रावधान था ही नहीं तो विभाग ने अनुमति क्यों दी और सेवा पुस्तिका में इंद्राज क्यों किया।

बस कुछ ऐसा ही जवाब अब संयुक्त संचालक द्वारा भी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया जा रहा है । जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर सहायक शिक्षक से शिक्षक पदोन्नति में डबल स्नातक डिग्री धारी शिक्षकों के संबंध में मार्गदर्शन मांगा था इसका मार्गदर्शन देते हुए जेडी ने तल्ख पत्र जारी किया है और जिला शिक्षा अधिकारी से ही पूछा है की स्पष्ट करें कि सहायक शिक्षकों को द्वितीय स्नातक डिग्री करने की अनुमति किसके द्वारा और क्यों दी गई है ? इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? द्वितीय स्नातक डिग्री करने के संबंध में यदि शासन का कोई निर्देश है तो उपलब्ध कराएं ।


इसके आगे यह भी स्पष्ट किया गया है कि सहायक शिक्षक का नियोक्ता जिला शिक्षा अधिकारी होने के कारण प्रकरण पर नियमानुसार निर्णय आपके स्तर पर लिया जाना है और इसी के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित करें । इस पत्र से समझा जा सकता है कि अब उच्च कार्यालय ने भी मन बना लिया है कि यदि मामला न्यायालय या किसी अन्य स्तर पर उलझता है तो उसका जिम्मेदार उन्हीं अधिकारियों को बनाना है जिन्होंने इसके लिए अनुमति दी थी कुल मिलाकर साफ है कि डबल स्नातक के मामले में वही अधिकारी फंसेगे जिन्होंने इसके लिए अनुमति प्रदान की है ।

Back to top button