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स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों का हल्ला बोल… प्रदेश भर में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन… बोले- “प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है विभाग का फैसला, सरकार संज्ञान ले”

रायपुर 28 फरवरी 2023। स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों ने छत्तीसगढ़  राज्य  स्तरीय  शिक्षक  संघ  के  बैनर  तले मोर्चा खोल दिया है। चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे आज प्रभावित शिक्षकों ने आज जिले भर में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया और 20 मार्च के हड़ताल की सूचना भी दी। रायपुर से लेकर बिलासपुर और सरगुजा से लेकर बस्तर तक जिला मुख्यालयों में आज स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा।

आपको बता दें कि शिक्षा  विभाग  में  स्थानांतरण  से  लगभग  27  हजार  से  अधिक  शिक्षक  अपनी  वरिष्ठता  खो  बैठे  हैं, जबकि  सामान्य  प्रशासन  विभाग  के  नियम  1961के  12  ख  तथा  संशोधित  नियम  1998  के  तहत सभी  शिक्षक  की  वरिष्ठता  की  गणना  नियुक्ति  तिथि  से  किया  जाना  है। ऐसे में स्थानांतरित  शिक्षकों के  वरिष्ठता  की  गणना  नियुक्ति  वर्ष  के  अंत  में  रखकर  किया  जाना  है  जिसका  पालन न करते  हुए स्थानांतरित  शिक्षक  की  वरिष्ठता  स्थानांतरण  पश्चात  कार्यभार  ग्रहण  तिथि  से  किया  जा  रहा।

सरकार के इस निर्णय ले हजारों  की  संख्या  में  शिक्षक  पदोन्नति  से  वंचित  हो  गए है। खासकर महिला  शिक्षिका  जो विवाह  के  पूर्व  शिक्षक  नियुक्त हुई और विवाह  के बाद तबादला कराकर दूसरे जगह आयी । वो महिला  शिक्षिका  काफी ज्यादा प्रभावित  हुई  है।  दूसरी  तरफ  कुछ  शिक्षक  1998,  2005  में नियुक्त  हुए  हैं  जो  किसी  कारणवश  स्थानांतरण  2015  या  2019  में  कराया,  उनकी  पूरी  सेवा  अवधि शिक्षक  के  कार्य  करते  हुए  बीता,  लेकिन  स्थानांतरण  करा  लेने  से  इनकी  वरिष्ठता  प्रभावित  हो  गई।

अब  इसके  चलते  इन्हें  आजीवन  पदोन्नति  से  वंचित  होना  पड़  रहा  है। प्रभावित शिक्षकों ने इसे प्राकृतिक  न्याय  के  सिद्धांत  बताया है। शिक्षकों ने मांग की है कि समस्त  शिक्षकों  की  वरिष्ठता  की  गणना  केवल और  केवल  प्रथम  नियुक्ति  तिथि  से  की  जानी  चाहिए। ताकि, वरिष्ठ  शिक्षकों  की  पदोन्नति  हो  सके। शिक्षकों के मुताबिक प्रभावित शिक्षकों को राहत देने केलिए अलग से कोई नियम बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि सामान्य प्रशासन  विभाग  के  पूर्व नियम  1961  के  12ख  तथा  संशोधित  नियम  1998  के  तहत  वरिष्ठ  शिक्षकों  की सेवा  गणना  कर  उनकी  नियुक्ति  वर्ष  के  अंत  में  रखकर  अर्थात  बैच  बाटम  देकर  किया  जा  सकता है।

 छत्तीसगढ़  के  सभी  जिलों  में  स्थानांतरित  शिक्षकों  की  वरिष्ठता  प्रथम नियुक्ति  तिथि  से  गणना  न  करते  हुए  स्थानांतरण  के  पश्चात  कार्यभार  ग्रहण  तिथि  से  किया  जा रहा  है,  जिससे  शिक्षकों  का  25साल- 20 साल और 18 साल की सेवा अवधि  शुन्य  हो  जा  रही  है।  इस कारण  से  उनकी  पदोन्नति  आजीवन नहीं  हो  पाएगी। सरकार से शिक्षकों ने तुरंत इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है। अन्यथा 20 मार्च को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया जायेगा।  

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