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VIDEO ब्रेकिंग : शिक्षक आंदोलन पर शिक्षा मंत्री और कृषि मंत्री का आया बयान….देखिये उन्होंने क्या कहा, शिक्षकों से हड़ताल को लेकर…..

रायपुर 22 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों का बड़ा आंदोलन चल रहा है। आज आंदोलन का 12वां दिन है और वार्ता की अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलग-अलग बयान जरूर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जहां वार्ता के जरिये समस्या के हल निकालने की बात कही है, तो वहीं कोरोना काल के तुरंत बाद इस तरह के हड़ताल पर मंत्रियों ने एतराज जताया है।

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हालांकि सभी इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि बातचीत के जरिये शिक्षकों की समस्या का निराकरण जरूर कर लिया गया है। इधर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि शिक्षकों की मांगों को समय-समय पर पूरा किया जाता रहा है, इस बार भी बातचीत के जरिये मसला सुलझा लिया जायेगा।

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शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कुछ आंदोलनकारी भी बढ़े और कुछ सरकार भी बढ़ेगी और बातचीत के जरिये रास्ता निकाल लिया जायेगा।

हां शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। भूपेश बघेल की अगुवाई में जो सरकार है, पहले जो शिक्षक थे, उन्हें मांग के अनुरूप नियमित शिक्षक बनाया गया। सभी को शिक्षा विभाग में सम्मिलत कर लिया। कोरोना काल में दूसरे राज्यों में वेतन भी काटा गया, लेकिन यहां किसी का भी वेतन नहीं काटा गया। जो भी वो मांग कर रहे हैं, उसके लिए कमेटी बना हुआ है। कमेटी को हमने बोला है कि आपलोग बात कर कर लिजिये। उसके लिए कमेटी भी बनी हुई है, पिंगुआ कमेटी भी बनी हुई है, वो भी अपना काम कर रही है। शिक्षा विभाग ने भी अपनी कमेटी बनायी हुई है। वो भी अपना काम कर रही है। जल्द ही इनकी बैठक होगी, ताकि इनकी समस्या जल्द निपटे, ताकि ये सभी अपने स्कूलों में जाकर बच्चों की पढ़ाई करायें।डेढ़ साल से स्कूल बंद है, इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चों का जो भविष्य वो खराब नहीं होना चाहिये। हमने सभी का संविलियन कर लिया, वेतन की भी कोई कटौती नहीं की, हमलोग उनके पक्ष में काम कर रहे हैं। देखिये बातचीत करके ही हल निकलेगा, एकपक्षीय बातचीत नहीं हो सकती। बातचीत से ही हल निकलेगा। कुछ वो लोग भी बढ़े, कुछ हमलोग भी बढ़े, कुछ वो लोग भी सुझाव दें, हमलोग भी उसे देखेंगे, इसी तरह से बातचीत होगी।

वहीं प्रदेश वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने वार्ता की थी, लेकिन वार्ता विफल हो गयी। आगे बातचीत के जरिये रास्ता निकाल लिया जायेगा। रविंद्र चौबे ने कहा कि …

शिक्षक दो-दो साल से घर में बैठे हुए थे, कुछ शिक्षक ने स्कूल लगाये भी थे, लेकिन अभी हड़ताल का वक्त नहीं है, कोरोना के वक्त में कई राज्यों में कर्मचारियों के वेतन 30 प्रतिशत तक काट दिये गये थे, लेकिन छत्तीसगढ़ ही एकमात्र ऐसी सरकार थी, जिसने एक रूपये का भी वेतन कटौती नहीं की। कोरोना काल में भी हमने पूरी मदद की, इसके बावजूद उनलोगों ने हड़ताल किया। हमारा प्रयास है कि जल्द मामला सुलझ जाये। मुख्यमंत्री ने अभी निर्देश दिया था कि प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी उनसे चर्चा करें, आलोक शुक्ला और कमलप्रीत सिंह ने बातचीत भी की थी, लेकिन वो वार्ता सफल नहीं हुई। आने वाले दिनों में और वार्ता होगी और रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।

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