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VIDEO: पीजी की पढ़ाई पूरा करना चाहते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल…लेकिन लगता है उन्हें डर…

रायपुर 25 अप्रैल 2023। …कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती! तभी तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी एक बार फिर से पढ़ाई की दुनिया में लौटना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने अपनी दिल की ख्वाहिश को प्रदेश के छात्र-छात्राओं से साझा किया है। मुख्यमंत्री पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने की तमन्ना रखते हैं। उन्होंने हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी के मंच पर अपनी इच्छा को सबके सामने जाहिर किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि …

मैं एक बात सभी छात्र छात्राओं से शेयर करना चाहता हूं, कि मेरा पीजी पूरा नहीं हुआ है। डॉ ओमप्रकाश जी बैठे हैं, वहीं मेरा फार्म भर देते थे। दूसरे साल की परीक्षा देने नहीं गया। प्रीवियस तो कर लिया, लेकिन फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं दी। लेकिन अब सोचता हूं कि पीजी कर ही लूं। कर लूं… लेकिन डर इस बात का है कि नंबर कम आया, तो आपलोग क्या बोलेंगे। ये भी डर बना हुआ है, नंबर कम आया…मुख्यमंत्री परीक्षा देने जाये तो अच्छी बात है, यदि परीक्षा में नंबर कम आया तो मुश्किल होगी। ठीक है ना… बताओ क्या करना चाहिये..

भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री जब ये संवाद छात्र-छात्राओँ से कर रहे थे, तो नीचे बैठे छात्र-छात्राएं उनसे यही कह रहे थे, कि पीजी की पढ़ाई उन्हें पूरी करनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने जिस अंदाज में ये पूरी बातें बच्चों की बीच कही, लगता है कि जल्द ही मुख्यमत्री पढ़ाई की दुनिया लौट सकते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने खत्म की कालेजों में प्रवेश लेने की उम्र सीमा

छत्तीसगढ़ सरकार ने कालेज-विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने की अधिकतम आयुसीमा समाप्त की तो यहां विद्यार्थियों संख्या 48 प्रतिशत बढ़ गई। दिलचस्प यह है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा तक पहुंचने वाली बेटियों की संख्या बेटों से 61 प्रतिशत अधिक हो गई है। वर्ष 2018-19 में 91,982 छात्रों की तुलना में 1,34,391 छात्राओं ने कालेज में दाखिला लिया था। 2022-23 में छात्रों की संख्या 1,28,310 और छात्राओं की संख्या 2,06,829 हो गई है। छात्रों की तुलना में छात्राओं का संख्या 61 प्रतिशत अधिक है। उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री उमेश्‍ पटेल ने कहा कि महिलाएं शिक्षा को लेकर काफी जागरुक हैं। कालेजों में लड़कियों के प्रवेश लेने की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उच्च शिक्षा में लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए 26 कन्या महाविद्यालय का संचालन शुरू किया है। अन्य महाविद्यालय में सह-अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है।छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में सकल नामांकन दर 15 प्रतिशत थी जो बढ़कर 19.2 प्रतिशत हो गई है। उत्तराखंड 45.7 प्रतिशत, केरल 43.2, चंडीगढ़, पुडुचेरी और दिल्ली में सबसे ज्यादा 66.1, 60.8 और 47.6 प्रतिशत है।

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