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VIDEO: आरक्षण पर CM भूपेश का एक और वार,- “हठधर्मिता अब छोड़े”, बिल राजभवन में अटका है और सवाल हमसे पूछे जा रहे

रायपुर 1 जनवरी 2023। आरक्षण बिल राजभवन में अटके अब पूरे एक महीने होने जा रहा है। कल से विधानसभा सत्र की शुरुआत हो रही है और जाहिर है आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से सदन में गरमायेगा। इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर से राज्यपाल को हठधर्मिता छोड़ने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन की तरफ से बिल को लेकर कुछ मांग भी नहीं किया जा रहा और ना ही हस्ताक्षर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हस्ताक्षर नहीं करना है तो बिल को वापस किया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उनसे सवाल पूछ रहे हैं। आरक्षण की वजह से युवाओं को बड़ा नुकसान हो रहा है।

मुख्यमंत्री आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि एकात्म परिसर की तरफ से ही पर्ची जा रही है, जिसकी वजह से बिल पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहा है। आपको बता दें आरक्षण को लेकर कांग्रेस काफी आक्रामक है। 3 जनवरी को कांग्रेस ने इसे लेकर महारैली का राजधानी रायपुर में आयोजन किया है। इस कांग्रेस महारैली को 70 से ज्यादा संगठनों ने समर्थन किया है। हालांकि सतनामी समाज ने इस महारैली से खुद को दूर रखा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हो गया तो राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर कर देना चाहिये। राजभवन में इसके पहले भी जब कृषि संशोधन विधेयक पारित हुआ था तब भी हस्ताक्षर करने में विलंब हुआ था। इस देरी से गलत संदेश जनता के बीच जा रहा जो राजभवन की गरिमा के विपरीत है। आरक्षण संशोधन विधेयक छत्तीसगढ़ के सभी समाज के हितों का सवाल हैं। छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग के हितों का सवाल है। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनारक्षित वर्ग के गरीबों के हितो का सवाल है। 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसमें राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर करना चाहिये। भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि यह बिल कानून बने इसीलिये वह राजभवन में इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही।

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