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VIDEO : सैलजा के बचाव में सामने आये डाॅ.महंत…लेकिन भूपेश पर उठाये सवाल पर क्यों साध ली चुप्पी ? क्या एक बार फिर दो फाड़ में बटती जा रही है कांग्रेस…..!

रायपुर 9 दिसंबर 2023। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है। लेकिन इसी मंथन के दौर में चुनाव हारने वाले और टिकट कटने वाले नेताओं का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा। एक तरफ पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाये, तो वही दूसरी तरफ सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ही हार का ठिकरा फोड़ दिया। ऐसे में कांग्रेस के सीनियर लीडर डाॅ.चरणदास मंहत का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होने प्रदेश प्रभारी सैलजा का बचाव करते हुए विरोध में बयान देने वाले पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। लेकिन डाॅ.महंत ने भूपेश बघेल के विरूद्ध दिये बयान पर पूरी तरह से चुप्पी साध गये,जो कि अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है।

छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को आये चुनाव परिणाम के बाद जहां एक ओर बीजेपी के खेमे में उत्साह और जश्न का माहौल है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी में खुलकर विरोध शुरू हो गया है। चुनाव के करीब दो साल पहले से ही दो फाड़ में बट चुकी कांग्रेस का अंतर्कलह अब खुलकर सामने आने लगा है। शुक्रवार को एआईसीसी ने दिल्ली में छत्तीसगढ़ के सभी बड़े नेताओं और प्रदेश प्रभारी सैलजा के साथ हार के कारणों को लेकर बैठक की थी। दिल्ली में हुए इस मंथन के बाद कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसती, उससे पहले ही पार्टी नेताओं में व्याप्त असंतोष खुलकर सामने आ गया। एक तरफ टी.एस.सिंहदेव की नाराजगी के कारण टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने हार का ठिकरा डिप्टी सीएम सिंहदेव सहित प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा पर फोड़ दिया।

उधर कोरबा से विधायक और सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने बगैर नाम लिये सीधे सूबे के मुखिया पर हार का कारण बता दिया। राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने मीडिया के सामने प्रदेश सरकार और सीएम पर गंभीर आरोप लगाये। जिसके बाद कांग्रेस में भूचाल आ गया। लिहाजा कांग्रेस के सीनियर लीडर डाॅ.चरणदास महंत डैमेज कंट्रोल और नेताओं को कड़ा संदेश देने सामने आये। पार्टी में व्याप्त इस असंतोष और आरोप-प्रत्यारोप को लेकर डाॅ.महंत का एक विडियों बयान भी सामने आया, जिसमें उन्होने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा का बचाव करते हुए उनके नेतृत्व में कांग्रेस को एकजुट और मजबूत करने की बात कही।

आगे महंत ने कहा कि ऐसे व्यक्तित्व के खिलाफ किसी के द्वारा आरोप लगाना बिल्कुल भी असहनीय है। इसे कही भी बर्दाश्त नही करना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करना चाहिए। डाॅ.चरणदास महंत के इस बयान के बाद अब ये चर्चा तेज हो गयी है कि आखिर भूपेश बघेल के खिलाफ दिये मंत्री के बयान पर महंत ने चुप्पी क्यों साध ली ? क्या वास्तव में कांग्रेस दो धड़ो में बट गयी है ? जिसके कारण कांग्रेस के सीनियर लीडर डाॅ.महंत प्रदेश प्रभारी सैलजा का तो पक्ष ले रहे है, लेकिन मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल का पक्ष लेने के बजाये चुप्पी साध रखे है। खैर कहते है न राजनीति मैं सब कुछ जायज है, और उगते सूरज को सब सलाम करते है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या समय रहते कांग्रेस पार्टी में व्याप्त अंतर्कलह को खत्म कर लेगी ? या फिर इसका खामियाजा आने वाले लोकसभा में एक बार फिर कांग्रेस को होगा।

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