Video – ये लड़की इंसान है या हैवान: मासूमों को पटक पटक कर मारती है, दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर की हैवानियत रूह कंपा देगी
कांकेर 5 जून 2023। कांकेर से ऐसा दर्दनाक वीडियो सामने आया है कि इंसानियत की रूह कांप उठेगी। वीडियो में एक युवती मासूम बच्चों को हैवानों की तरह मारती पिटती नजर आ रही है।
ये वीडियो कांकेर के शिवनगर के दत्तक ग्रहण केंद्र का है। और बच्चों को पीटने वाली बेरहम महिला वहां की प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी है। सीमा जिन बच्चों को मार रही है, वो मां-बाप के ठुकराए गए बच्चे हैं, जिन्हें इस संस्थान को बच्चों को पालने की जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन जिस संस्थान में बच्चों को पालने की जिम्मेदारी दी जाती है, वहीं उन मासूमों पर जुल्म ढाया जाने लगे तो फिर लोग कहां जायेंगे। वीडियो में महिला पहले एक बच्चे की पिटाई करती है, और फिर दूसरी बच्ची की भी पिटाई करने लगती है।कांकेर के इस दत्तक ग्रहण केंद्र में 0 से 6 वर्ष तक के यतीम बच्चों को रखा जाता है।
वीडियो में दिख रहा है कि सीमा ने एक बच्ची को पहले हाथ से मारा फिर बाल पकड़कर उठाकर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरी बच्ची को दोबारा फिर से खड़ा किया, एक बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया। बच्ची चीखती है, चिल्लाती है, रोने लगती है।
इसके बाद दो महिला पास से गुजरती है, जो वहीं काम करती है।इसी दौरान एक बच्ची से मैनेजर सवाल जवाब करने लगती है। दूर खड़ी बच्ची को पास बुलाती है और फिर बाल पकड़ पिटाई शुरू कर देती है। बच्ची गिरती है तो उसे उठाकर मारपीट करती है। इसके बाद भी मैनेजर का गुस्सा शांत नहीं होता, वह गाली-गलौज करने लगती है।
खबर तो ये भी है कि प्रोग्राम मैनेजर का बॉयफ्रेंड है, जो अक्सर रात में संस्था में पहुंचता है। जबकि यहां बाहरी लोगों का आना प्रतिबंधित है।
यही नहीं ऐसा भी हुआ है कि बॉयफ्रेंड से कभी विवाद हुआ तो बौखलाई मैनेजर इसका पूरा गुस्सा बच्चों पर उतारती है। यहां के बच्चे महीनों से प्रताड़ना सह रहे हैं। इसका विरोध करने वाले 8 कर्मचारियों को एक साल के अंदर केंद्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब इस मामले में जिला प्रशासन ने कारवाई की बात कही है।
रायपुर, कांकेर के दत्तक केंद्र में प्रोग्राम मैनेजर की करतूत पर प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा है कि वो एक एनजीओ की अधिकारी है, जो नौकरी के नाम पर मस्ती कर रही,
सरकार के पास हिम्मत हैं तो उस महिला के ऊपर एफआईआर करवाए और उस एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करवाए,वो एनजीओ बच्चो का आश्रय गृह नहीं बल्कि प्रताड़ना गृह हैं।