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विधानसभा अपडेट : गुणवत्ताहीन चना वितरण का मुद्दा सदन में गूंजा… अमितेश शुक्ल ने पूछा, गुणवत्ताहीन चना सप्लाई करने वालों पर क्या हुई कार्रवाई…

रायपुर 17 मार्च 2023। कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल ने गरियाबंद जिले में पौष्टिक आहार योजना के तहत चना वितरण का मुद्दा आज सदन में उठाया। अमितेश ने पूछा कि 10 फरवरी 2023 तक पौष्टिक आहार योजना के तहत कब कब और कितनी मात्रा में चना वितरण के लिए प्राप्त हुए गरियाबंद में वितरण के लिए दिए गए चना की गुणवत्ताहीन होने की शिकायत प्राप्त हुई है इस पर क्या कार्रवाई हुई।

जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रदायकर्ता एजेंसी से चना की प्राप्ति पीडीएस प्रदाय केंद्रवार की जाती है। चना गुणवत्ताविहीन होने की सूचना मिली थी, चना की गुणवत्ता जांच करने पर गुणवत्ताहीन चना को रिजेक्ट किया गया, जिसे सप्लायर द्वारा वापस लिया गया।

विधायक अमितेश शुक्ला ने सवाल पूछा कि वितरण के लिए 2011 के नियमों का पालन किया गया था क्या?, जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि भंडारण से पूर्व किसी भी सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाती है उसके बाद भंडारण की जाती है।

इस जवाब पर विधायक अमितेश शुक्ल ने सप्लीमेंट्री सवाल पूछा कि सप्लायर के पैकेजिंग में घपला का लगाया आरोप, जिस चना को गरियाबंद में फेल किया गया था, उसे देवभोग में क्यों पास किया गया इसकी जांच होनी चाहिये।

जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई शिकायत है उस पर जांच कराई जाएगी

वहीं इसी सवाल पर  नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि गरियाबंद में जो फॉर्म है उस पर कभी कार्रवाई हुई है क्या? जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि दो शिकायत हमारे तक आई थी, दूसरे शिकायत का जांच हुआ, जो अमानक पाया गया और उसे रिजेक्ट वापस कर दिया गया एक जगह रिजेक्ट कर दिया गया तो दूसरे जगह कैसे मान्य होगा।

विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि एक स्थान से हटाने के बाद उसी फर्म को बलौदा बाजार में पुनः ऑर्डर दिया गया, क्यों?, जिस पर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि गुणवत्ता विहीन होने पर हम रिजेक्ट करते है गुणवत्ता युक्त समान लाने पर ही उसे लिया जाता है। विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि जांच समिति बनाकर जांच कर कार्रवाई की जाए।

वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सवाल पूछा कि जिस कंपनी से सप्लाई हुआ क्या वह कंपनी कभी ब्लैक लिस्टेड हुई क्या? जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कंपनी को 3 वर्ष पहले ब्लैक लिस्टेड किया गया था, जिसकी समय सीमा 2019 को समाप्त हो गई थी।

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