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विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस लौटाने का किया ऐलान..

दिल्ली 26 दिसंबर 2023|रेसलर बजरंग पूनिया के बाद अब विनेश फोगाट ने भी पदक लौटाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस करने जा रही हैं.  विनेश ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हैं. इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद.

विनेश फोगाट के फैसलों पर साथी पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि निशब्द हूं. यह दिन किसी खिलाड़ी को न देखना पड़े. बता दें कि बजरंग पुनिया भी पद्मश्री अवॉर्ड वापस करने का ऐलान कर चुके हैं. इससे पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था.

विनेश फोगाट ने क्या लिखा?
विनेश फोगाट ने लिखा, ”माननीय प्रधानमंत्री, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा. मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हू.”

फोगाट ने आगे लिखा कि मुझे याद है कि 2016 में जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बनाया था. इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई के संदेश भेज रही थी. आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो मुझे 2016 बार-बार याद आ रहा है.

फोगाट ने सवाल किया कि क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं. हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई ऐतराज नहीं है क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है. मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है. बस यही दुआ रहेगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो. उन्होंने कहा कि आप (पीएम मोदी) अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए. आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या- क्या किया है. उसने (बृजभूषण सिंह) महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर बोली है.

हमें देशद्रोही बताया जा रहा है- विनेश फोगाट
फोगाट ने कहा कि कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया, लेकिन इतना आसान नहीं है. सर जब मैं आपसे मिली तो यह सब आपको भी बताया था. हम न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर रहे, लेकिन कोई हमारी सुध नहीं ले रहा.

सर, हमारे मेडलों और अवार्डों को 15 रुपये का बताया जा रहा है, लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं. जब हम देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया. अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है. फोगाट ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या हम देशद्रोही हैं? हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है. इस कारण मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापस करना चाहती हूं.

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