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बुढ़ापारा धरनास्थल शिफ्ट होना चाहिये या नहीं ?…नहीं बन सकी एक राय… जिला प्रशासन की बैठक से विपक्ष गायब…..फैसले का तीखा विरोध करने वाली BJP से भी सिर्फ एक विधायक ही पहुंचे

रायपुर 10 अक्टूूबर 2022। बुढ़ापारा धरनास्थल को हटना चाहिये या नहीं ? इस मुद्दे पर सियासी दलों की ही एक राय नहीं दिख रही है। पिछले दिनों जब जिला प्रशासन ने धरनास्थल को बुढ़ापारा से हटाकर नया रायपुर करने का निर्णय लिया था, तो बीजेपी ने ही सड़क पर उतरकर इसका विरोध जताया था, लेकिन आज जब जिला प्रशासन की तरफ से धरनास्थल को लेकर बैठक बुलायी गयी तो बृजमोहन अग्रवाल को छोड़कर विपक्ष के नेता ही मीटिंग से गायब रहे। जबकि इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों से जिलाध्यक्ष, पार्टी पदाधिकारियों, सांसद व विधायकों को बुलाया गया था।

लिहाजा मामले में एक राय नहीं बन पायी। विपक्ष की इस बैठक से दूरी ने कई संदेहों का जन्म दे दिया है। दरअसल सियासी दांव पेंच के बीच सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन विपक्ष की तरफ से ही होना होता है, ऐसे में जिला प्रशासन की तरफ से बुलायी गयी इस बैठक में विपक्ष को अपनी पर्याप्त उपस्थिति देनी थी, ऐसे में जिला प्रशासन किसी ठोस फैसले पर नहीं पहुंच सका।

आपको बता दें कि पूर्व कलेक्टर सौरभ कुमार ने आमलोगों और व्यापारियों की परेशानियोंका हवाला देते हुए धरनास्थल को शहर के बीच से नया रायपुर शिफ्ट करने का आदेश दिया था, उस वक्त जिला प्रशासन के इस फैसले का काफी तीखा विरोध बीजेपी ने किया था। कलेक्टरेट तक का घेराव की कोशिश की गयी थी। लेकिन इस मामले पर बीच का रास्ता जिला प्रशासन की तरफ से निकालने की कवायद शुरू हुई तो विपक्ष ही गायब हो गया।

कलेक्टोरेट के रेडक्रास सभा कक्ष में हुई इस बैठक में महापौर एजाज ढेबर, विधायकगण सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, बृजमोहन अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर परवानी एवं जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में बूढातालाब के समीप स्थित धरना स्थल पर लोगों की भीड होने से आमजनों को होने वाली असुविधा को लेकर चर्चा की गयी। आपको बता दें कि बुढ़ापारा धरनास्थल पर होने वाले प्रदर्शन की वजह से आये दिन रास्ता बंद करना होता है, जिसकी वजह से ना सिर्फ आवाजाही प्रभावित होती है, बल्कि उपद्रव की आशंका के मद्देनजर दुकानों को भी बंद रखना होता है, जिससे व्यापार प्रभावित होता है।

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