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दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए : ……जज के सामने इस तरह दुश्मन बन गये दोस्त ….. मारपीट-धमकी के बाद दोस्त ने दोस्त पर दर्ज कराया था केस….जज ने समझाया तो हाथ मिलाकर कोर्ट में खत्म कर ली दुश्मनी, फिर से बन गये दोस्त…

*दोस्त से मारपीट हो गए थे फिर से हो गई दोस्ती लोक अदालत नगरी न्यायालय ने करवाया मामला का समझौता हाथ मिला के फिर से बन गए दोस्त*

धमतरी 12 मार्च 2022

बात कम कीजे, जेहानत को छुपाये रहिये
अजनबी शहर है ये, दोस्त बनाये रहिये

दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए

निदा फ़ाजली की शायरी की ये चंद पंक्तियां उस वकत मुकम्मल हो गयी। …जब कोर्ट की दहलीज पर पहुंची दो दोस्तों की दुश्मनी हाथ मिलाते ही फना हो गयी। महीनों से जो दोस्त एक-दूसरे की तरफ नजरें उठाना भी गंवारा नहीं करते थे, जज के सामने ना सिर्फ उनके हाथ मिले, बल्कि दिल भी मिले। दरअसल आज नगरी में लोक अदालत सजी थी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा के मार्गदर्शन पर नगरी लोक अदालत नगरी के न्यायाधीश भावेश कुमार वट्टी के कोर्ट में आज दोस्ती से हुई दुश्मनी का अजीब केस आया।

बात मामूली थी, लेकिन दो दोस्तों का दिल एक विवाद पर इस कदर टूटा था कि दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गयी। 14 जनवरी को सौरभ सोम को एक मामूली सी बात पर उसके ही दो दोस्त राहुल और दिवस ने विवाद किया और फिर दोनों के बीच मारपीट और गाली-गलौज हो गयी। इस मामले में सिहावा थाना में मामला दर्ज कराया गया। मामले में नगरी कोर्ट में चालान पेश किया। आज लोक अदालत लगी थी, जिसमें नगरी न्यायालय में खंडपीठ में न्यायधीश भावेश कुमार एवम सद्स्य अधिवक्ता फारुख लोहनी एवम अधिवक्ता अभिषेक जैन मौजूद थे।

इस केस की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश भावेश कुमार ने तीनों को बुलाया और फिर इस मामले को खत्म करने के लिए समझाया। वकली फारुख लोहनी और अभिषेक जैन ने भी बताया कि इस तरह के मामूली विवाद पर दोस्ती तोड़ना ठीक नहीं, लिहाजा सभी को फिर से अपने दिल जोड़ने चाहिये। जज ने अपने सामने ही सभी के हाथ मिलवाये और विवाद को वहीं खत्म करने का राजीनामा लिखवाया। लोक अदालत में आज केस की पूरे दिन चर्चा होती रही।

 

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