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काम की खबर: अब बिना पैसे दिए भी बुक करें ट्रेन की टिकट,IRCTC का “बाय नाउ- पे लेटर” स्कीम से मिल रही हैं ये सुविधांए…..

नई दिल्ली 27 अक्टूबर 2022। IRCTC ने रेल यात्रियों के लिए अब तत्काल टिकट और रिजर्व्ड टिकटों की बुकिंग सर्विस के लिए “बाय नाउ- पे लेटर” की सुविधा शुरू की है। इसका मतलब हुआ कि जेब में पैसे न भी हों तो ट्रेन की तत्काल और रिजर्व्ड टिकट कटाई जा सकती है। टिकट का पैसा बाद में चुकाने की सुविधा मिल रही है। बाय नाउ पे लेटर स्कीम के तहत कोई व्यक्ति बिना पैसे के अभी टिकट कटा सकता है और 14 दिनों के भीतर उसका पैसा जमा कर सकता है। बैंकों के कार्ड पर भी ऐसी सुविधा मिलती है। यह एक तरह से क्रेडिट सुविधा जैसी होगी।

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर तत्काल कोटा की टिकट बुकिंग में बाय नाउ पे लेटर स्कीम का फायदा ले सकते हैं। अभी तक यह सुविधा जनरल रिजर्वेशन के लिए ही मिल रही थी, लेकिन इसे बढ़ाकर तत्काल बुकिंग के लिए भी लागू कर दियाग गया है। इस स्कीम में बिना पैसे के टिकट कटा सकते हैं और बाद में जब घर पर टिकट डिलीवरी होगी, तो उसका पैसा कैश, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से चुकाया जा सकता है।

एक आंकड़े के मुताबिक आईआरसीटीसी हर दिन 1,30,000 तत्काल ट्रांजैक्शन ऑपरेट करता है। इसमें अधिकांश टिकट कोटा खुलने के कुछ ही मिनट में बुक कर ली जाती है। बाय नाउ पे लेटर स्कीम टिकट बुकिंग के दौरान ट्रांजैक्शन फेल्योर को दूर करता है। ऐसा तब होता है जब अकाउंट से पैसे कट जाते हैं, लेकिन ग्राहक को टिकट नहीं मिल पाती। इस केस में रिफंड साइकिल 7 से 15 दिनों का है।

कैसे कटा सकेंगे ऑनलाइन टिकट…..

बाय नाउ पे लेटर से टिकट बुकिंग के लिए ग्राहक को बुकिंग फॉर्म में डिटेल ऑनलाइन भरनी होगी जिसमें आधार और पैन की जानकारी भी जरूरी है, इसके बाद ग्राहक के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करना होगा। आईआरसीटीसी यह सुविधा देने के लिए ग्राहक के पुराने ट्रांजैक्शन को देखता है और उसी आधार पर सर्विस देता है।डिटेल भरने के बाद बस एक क्लिक में ट्रांजैक्शन पूरा हो जाता है और टिकट बुकिंग हो जाती है।

इसके लिए ग्राहक को अपना 16 अंकों का कार्ड नंबर देने की जरूरत नहीं होती, ग्राहक को लॉगिन होने की भी जरूरत नहीं होती। एक साथ कई टिकटों की बुकिंग की जा सकती है और अगले 14 दिनों के भीतर सभी का पैसा एक बार में जमा किया जा सकता है। इसके लिए किसी थर्ड पार्टी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर जैसे कि पेमेंट गेटवे, बैंक आदि की जरूरत नहीं होती। इस वजह से बाय नाउ पे लेटर में ट्रांजैक्शन फेल होने की गुंजाइश नहीं बचती।

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