Uncategorized @hiपॉलिटिकलहेडलाइन

यशवंत सिन्हा ने बताया- “कैसे हुई उनकी उम्मीदवारी तय”….बोले- राजनाथ सिंह ने औपचारिकता के लिए बस फोन किया…. राष्ट्रपति पद के लिए छत्तीसगढ़ से मांगा समर्थन

रायपुर 1 जुलाई 2022। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज विधायकों व सांसदों का समर्थन मांगने रायपुर पहुंचे। आज शाम यशवंत सिन्हा विधायकों और सांसदों के साथ भी चर्चा करेंगे। इससे पहले अब से कुछ देर पहले यशवंत सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी दावेदारी को मजबूत बताया। प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया , राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम , कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रणव झा मौजूद थे।

यशवंत सिन्हा ने बताया कि उन्होंन राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन मांगने की शुरुआत केरल से की है। केरल से 100 फीसदी वोट उन्हें मिल रहाहै। वो चेन्नई भी हम गये वहां स्टैलिन और उनके अन्य सहयोगी दलों ने हमें साथ देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से मेरा बड़ा विशेष सम्बन्ध है , लगभग 60 साल पहले मैं भिलाई आया था जहां मेरी शादी हुई थी, इसलिए जब भी यहां आता हूँ आनंद आता है ।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति पद की एक गरिमा है। म्यूचअल अंडर स्टैंडिंग से किसी एक नाम को चुना जा सकता था पर ये हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि औपचारिकता के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुझे फोन किया और कहा कि एक राय होनी चाहिए, लेकिन प्रत्याशी का नाम नहीं बताया । इसी बीच कई मीटिंग्स हुई जिसमें मुझसे पूछा गया कि क्या मैं उनका साझा उम्मीदवार बनना चाहूंगा। मैंनें हामी भरी उसी दिन सत्ता पक्ष ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा की। और इस तरह मैं चुनावी मैदान में हूँ।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति के कुछ कर्तव्य भी संविधान में निर्धारित है । ऐसा भी हुआ है कि इस पद पर रहे लोगो ने पड़ की शोभा बढ़ाई है और कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि ख़ामोश रहने वाले लोग भी पद पर आये।
आज देश मे चारो तरफ अशांति का वातावरण है और इंसके बीच एक विचारधारा है जो लोगो को बांट कर रखना चाहती है। वो भी साम्प्रदायिक रेखाओं के अनुसार पर संविधान इसका अधिकार नहीं देता, पर जो उनकी अवहेलना करता है तो हम उनके पक्ष में खड़े होते है कि ऐसा नहीं होना चाहिए लेकिन सरकार खुद ही इसे बढ़ावा देती है।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमें खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए । कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बने जो अपने संवैधानिक अधिकारों का पालन कर सके। राष्ट्रपति का एक अधिकार है वो सरकार को मशविरा दे सकते हैं पर यदि कोई प्रधानमंत्री की कठपुतली है तो वो ये काम नहीं कर सकता ।सरकार से टकराव की बात नहीं है पर सलाह-मशविरे की उम्मीद तो की जा सकती है। मैं छत्तीसगढ़ में बहुत उम्मीद लेकर आया हूँ और मुझे विश्वास है कि मेरी ये उम्मीद पूरी होगी। जो दल मुझे समर्थन दे रहे हैं उनका मैं आभारी हूँ। मैं अपने भाजपा के पुराने साथियों से भी कहना चाहता हूं कि आपको भी मेरा सहयोग करना चाहिए और लकीर का फ़क़ीर नहीं होना चाहिए। मैं सभी को खास कर कांग्रेस पार्टी को ये भरोसा दिलाता हूं किसी भी तरह से कर्तव्यों के निर्वाहन में कोई कमी नहीं होने दूंगा।

Back to top button