CG- कस्टम मिलिंग घोटाले में मनोज सोनी की गिरफ्तारी पर ED ने दी ये जानकारी, 30 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी
रायपुर 3 मई 2024। ईडी ने मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी की अधिकारिक पुष्टि कर दी है। 2 मई की तारीख में गिरफ्तारी की जानकारी दी गयी है, हालांकि ईडी ने गिरफ्तारी की तारीख को 30 अप्रैल को दर्शाया है। अपने अधिकारी जानकारी में ईडी ने बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर ने छत्तीसगढ़ के कस्टम चावल मिलिंग घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से एक मनोज सोनी को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया है। वह छत्तीसगढ़ सरकार में प्रतिनियुक्ति पर थे और अक्टूबर, 2022 से अक्टूबर, 2023 तक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर ने छत्तीसगढ़ के कस्टम चावल मिलिंग घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से एक मनोज सोनी को दिनांकः 30/04/2024 को गिरफ्तार कर लिया है। वह छत्तीसगढ़ सरकार में प्रतिनियुक्ति पर थे और अक्टूबर, 2022 से अक्टूबर, 2023 तक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ…
— ED (@dir_ed) May 2, 2024
जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला
धान की कस्टम मिलिंग में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। बीजेपी के अनुसार इसके सूत्रधार मार्कफेड के तत्कालीन अफसर मनोज सोनी हैं। इस मामले की ईडी जांच में पाया गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया। धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने तीन गुनी बढ़ा दी। 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया।
आरोप है कि अफसरों ने आधी रकम मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर वसूल ली। घोटाले की शर्तों के तहत नकद राशि का भुगतान करने वालों का विवरण जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया। उनके माध्यम से ब्यौरा मार्कफेड एमडी तक पहुंचा।
एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया। विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई। ईडी ने तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 1 करोड़ की बेहिसाब नकद राशि जब्त की है।