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कमाल का VIDEO : मुख्यमंत्री के छत्तीसगढ़िया सवालों का कक्षा छठवीं के बच्चे ने दिया फर्राटेदार अंग्रेजी में जवाब….

रायपुर, 13 सितम्बर 2022। कुंजेमुरा भेंट मुलाकात में जब मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के कक्षा छठवीं के छात्र ज्ञान सिंह राजपूत से छत्तीसगढ़ी में सवाल पूछा तो ज्ञान ने फर्राटेदार अंग्रेजी में उनके सवालों का जवाब देकर उन्हें हतप्रभ कर दिया । मुख्यमंत्री के द्वारा स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में 4 लैब, प्रशिक्षित शिक्षक, खेल का मैदान, खेल सामग्री एवँ सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं जो महंगे निजी स्कूलों में होती हैं । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बच्चे की की और कहा कि अब सभी स्कूलों में सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और स्थानीय बोलियों में पढ़ाई कराई जाएगी । साथ ही अब हमारी सरकार छतीसगढ़ी संस्कृति, परम्पराओं और खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन करने जा रही है, अलग-अलग वर्गों में बच्चे बूढ़े और महिलाएं भी भाग लेंगी ।

अंग्रेजी के साथ छत्तीसगढ़ी भी फर्राटे से बोलें तब बनेगी बात: मुख्यमंत्री

हमको अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए, यह आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है लेकिन अच्छा इंसान बने रहने के लिए अपनी जड़ों से जुड़ना भी बहुत जरूरी है और इसके लिए हमें स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक है। हमारी स्थानीय भाषा हमें अपने परिवेश की समझ दिलाती है परंपरा से आया ज्ञान सिखाती हैं। अन्यथा इतनी सारी पीढ़ियों का जो ज्ञान छत्तीसगढ़ी भाषा में है ,उसे भूल जाएंगे, छत्तीसगढ़ी नहीं समझ पाएंगे तो कितना बड़ा नुकसान हो जाएगा।इसलिए स्कूलों में खूब अंग्रेजी पढ़ाएं लेकिन छत्तीसगढ़ी की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए, यह उतनी ही जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बातें आज चपले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में छात्रा वंशिका से कहीं।

हुआ यूं कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रा वंशिका पाल ने मुख्यमंत्री से बातचीत की। वंशिका के सवालों का जवाब मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी में देना चाहते थे। मगर वंशिका ने कहा- “आई डोन्ट अंडरस्टैंड छत्तीसगढ़ी” । फिर मुख्यमंत्री ने हिंदी में वार्तालाप किया तो अंग्रेजी में जवाब देते हुए वंशिका ने बताया कि उसकी मां गृहिणी है और पिता पेंटर। साथ ही यह भी बताया कि स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल एक अच्छा स्कूल है। यहां के टीचर बहुत अच्छे हैं। मैं डाक्टर बनना चाहती हूँ। मुख्यमंंत्री ने शाबासी दी। साथ ही चर्चा में यह भी कहा कि अपने जड़ों से जुड़ा रहना जरूरी है इसलिए सभी स्कूलों में एक दिन छत्तीसगढ़ी में भी पढ़ाया जा रहा है। अपनी भाषा से जुड़ने से अपनी धरती से प्रेम  बढ़ता है। अपने परिवेश के प्रति समझ बढ़ती है। । इसलिए छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजें रखने के लिए हमें छत्तीसगढ़ी भाषा को अपनाना होगा।

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